केंद्र सरकार ने जलजीवन मिशन की फ्लेक्सी फंड से 19 करोड रुपए पेयजल योजनाओं की रिस्टोरेशन पर खर्च करने की अनुमति दे दी है. इससे जलशक्ति विभाग को आपदा राहत के काम करने में थोड़ी मदद मिल जाएगी. विभाग ने अपने सर्किलों के अनुसार इस राशि का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. अभी बरसात से हुए नुकसान के बाद टेंपरेरी तौर पर अधिकांश पेयजल योजनाओं को बहाल कर दिया गया है और अब सिर्फ 45 स्कीमें रिस्टोर करना शेष हैं, लेकिन पूरी तरह रेस्टोरेशन पर अभी बहुत वक्त और पैसा लगेगा.
इसी महीने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दिल्ली जाकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी. उन्होंने उस वक्त कहा था कि जलशक्ति विभाग को हिमाचल में 1630 करोड़ की क्षति हुई है, इसीलिए केंद्र सरकार जल जीवन मिशन में ही 500 करोड़ अतिरिक्त धनराशि जारी करे, ताकि पेयजल योजनाओं में रिेस्टोरेशन व रिट्रोफिटिंग का काम किया जा सके.
इस डिमांड के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने अपने मंत्रालय से कुछ बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है, लेकिन इसी बीच दिल्ली से एक पत्र जलशक्ति विभाग को आ गया है, जिसमें एनुअल प्लान के फ्लेक्सी फंड को रिस्टोरेशन में इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी गई है. यह धनराशि 19 करोड़ रुपए के आसपास है. जल शक्ति विभाग को उम्मीद है कि आपदा राहत के तौर पर और मदद दिल्ली से मिलेगी.
गौरतलब है कि जलजीवन मिशन भारत सरकार की डेडलाइन के मुताबिक 31 मार्च, 2024 को पूरा हो रहा है. हालांकि कुछ राज्यों में काम पेंडिंग है और इसे देखते हुए प्रोजेक्ट की अवधि भी बढ़ाई जा सकती है, लेकिन हिमाचल सरकार ने अपने जीवन मिशन के लक्ष्य और 100 फीसदी घरों तक नल के जरिए जल पहुंचने का लक्ष्य पूरा कर लिया है. इस साल के लिए हिमाचल का एनुअल प्लान 1100 करोड़ रुपए के आसपास है. इसमें से भारत सरकार अभी तक राज्यों को 373 करोड़ जारी कर चुकी है, लेकिन मुख्य चुनौती जल शक्ति मंत्रालय से पेयजल योजनाओं को रिस्टोर करने के लिए पैसा लेने की है. जलशक्ति विभाग को उम्मीद है कि इस प्लान से अतिरिक्त आर्थिक मदद मंत्रालय करेगा.