ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका के आर्थिक-कूटनीतिक समूह ब्रिक्स का विस्तार करके इसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) छह नए देशों को बतौर पूर्ण सदस्य शामिल किया गया है। ब्रिक्स के 15वें शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर मेज़बान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरल रामाफोसा ने ब्रिक्स नेताओं के एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स के विस्तार का यह पहला चरण है और इन छह देशों की सदस्यता एक जनवरी 2024 से प्रभावी होगी। अगले चरण के लिए संभावित सदस्यों के नामों को, विचार के लिए अगली शिखर बैठक में रखा जाएगा। इस प्रकार से पांच सदस्यीय ब्रिक्स में अब 11 सदस्य हो जाएंगे।
रामाफोसा ने कहा, “इस शिखर सम्मेलन ने ब्रिक्स, लोगों के बीच आदान-प्रदान और दोस्ती और सहयोग को बढ़ाने के महत्व की पुष्टि की है। हमने जोहान्सबर्ग की दो घोषणाओं को स्वीकार किया है, जो वैश्विक आर्थिक, वित्तीय और राजनीतिक महत्व के मामलों पर प्रमुख ब्रिक्स संदेशों को दर्शाते हैं। यह साझा मूल्यों को प्रदर्शित करता है। और सामान्य हित जो पांच ब्रिक्स देशों के रूप में हमारे पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का आधार हैं।”
उन्होंने कहा, “हम ब्रिक्स के पूर्ण सदस्य बनने के लिए अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित करने के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं। सदस्यता एक जनवरी 2024 से प्रभावी होगी।” उन्होंने कहा कि अगले चरण में संभावित सदस्यों के नामों को विचार के लिए अगली शिखर बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिक्स में रिट्रीट और औपचारिक सत्र, दोनों में नयी सदस्यता को लेकर विचार किया गया। इस बारे में निर्देशक सिद्धांत तय किए गए और उसके आधार पर सहमति से निर्णय लेने की व्यवस्था बनी।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कोविड के पश्चात वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में आए बदलावों का जिक्र किया और कहा कि नयी व्यवस्था न्यायसंगत, संतुलित एवं एक समान बनाने की जरूरत है। उन्होंने स्थानीय मुद्राओं में कारोबार एवं भुगतान प्रणाली स्थापित करने की संभावनाओं को टटोलने के बारे में भी बात की और कहा कि इसके लिए केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों एवं वित्त मंत्रियों के समूह विचार करेगा।