रूस में वैगनर ग्रुप के चीफ प्रिगोझिन की प्लेन क्रैश में मौत हो गई है. उन्होंने कुछ अरसे पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत की थी. रूसी एजेंसियों के अनुसार विमान दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हुई है जिनमें वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन भी शामिल हैं. रूस की सरकारी समाचार एजेंसियों ने बुधवार को कहा कि जून में रूस की सेना के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने वाले वैगनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन दुर्घटनाग्रस्त विमान के यात्रियों की सूची में थे.
समाचार एजेंसी टीएएसएस (TASS) ने बताया, “रोसावियात्सिया (रूस की विमानन एजेंसी) ने कहा, टवर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में यात्रियों में येवगेनी प्रिगोझिन भी शामिल थे.” आरआईए नोवोस्ती और इंटरफैक्स ने भी इसी तरह की रिपोर्ट जारी की है.
रूस के इमरजेंसी सिचुएशन मिनिस्ट्री ने कुछ देर पहले कहा, “चालक दल के 3 सदस्यों सहित जहाज पर 10 लोग सवार थे. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जहाज पर सवार सभी लोगों की मौत हो गई.”
अंतरराष्ट्रीय समय अनुसार शाम पांच बजे के आसपास मंत्रालय ने घोषणा की कि “मास्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा एक निजी एम्ब्रेयर लिगेसी विमान टवर क्षेत्र के कुज़ेनकिनो गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.” उसने कहा कि वह तलाशी अभियान चला रहा है.
वैगनर से जुड़े टेलीग्राम चैनलों पर वीडियो में फुटेज पोस्ट किया गया, जिसकी एएफपी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका, इसमें एक खेत में जलते हुए विमान के मलबा दिखाई दे रहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, मॉस्को टाइम्स ने रूस के आपातकालीन मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया कि वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन को ले जा रहा एक विमान बुधवार को मॉस्को के उत्तर-पश्चिम में टवर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. मंत्रालय की प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान में सवार सभी 10 लोग मारे गए हैं.
एनएनआई ने बताया कि, रूसी सरकार की विमानन एजेंसी रोसावियात्सिया के अनुसार, विमान में प्रिगोझिन नाम का एक व्यक्ति सवार था. प्रिगोझिन की स्थिति और ठिकाना अभी तक अज्ञात है. मॉस्को टाइम्स के अनुसार, गवर्नर इगोर रुडेन्या के प्रेस विभाग ने कहा है कि, टेवर क्षेत्र में विमान दुर्घटना पर प्रतिक्रिया करते हुए गवर्नर ने “व्यक्तिगत नियंत्रण” ले लिया है.
जून में प्रिगोझिन ने रूस की पारंपरिक सेना के खिलाफ एक अल्पकालिक विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसमें हजारों भाड़े के सैनिक हथियार लेकर देश के सैन्य नेताओं को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से दक्षिणी रूस से मास्को की ओर मार्च कर रहे थे.
विद्रोह बेलारूसी नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता में एक समझौते के साथ समाप्त हुआ. इसके तहत प्रिगोझिन के अपने कुछ लोगों के साथ पड़ोसी बेलारूस में जाने की उम्मीद थी.