धर्मशाला: जम्मू कश्मीर में बलिदान हुए हिमाचल के वीर सपूत सूबेदार मेजर पवन कुमार पंचतत्व में विलीन हो गए. उनका सैन्य सम्मान के साथ उनके गांव के शमशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया. बलिदानी पवन कुमार के बेटे अभिषेक ने मुखाग्नि देकर अपने पिता को अंतिम विदाई दी. इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी.
इससे पूर्व शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा तो वहां पर लोगों की भारी भीड़ लग गई. घर पर जैसे ही पार्थिव देह रखी गई, पूरा माहौल गमगीन हो गया. बलिदानी की पत्नी ने अपने सुहाग को सैल्यूट कर अंतिम दर्शन किये. उन्हें अपने पति पर गर्व है. इसी तरह बलिदानी के माता पिता और बेटी ने भी पवन कुमार को अंतिम विदाई दी.
इस दौरान लोग भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद की नारेबाजी करने लगे. इसी के साथ ही गांव के कुछ युवक हाथों में तिरंगा और बैनर लेकर पवन कुमार अमर रहे की नारेबाजी करते हुए अंतिम यात्रा में शामिल हुए.
इससे पूर्व रविवार दोपहर करीब 2 बजे उनकी पार्थिव देह कांगड़ा के शाहपुर स्थित उनके गांव झुलाड़ सिहालपुरी गांव लाई गई. यहां पर शहीद की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. तिरंगे में लिपट कर आए शहीद को फूल अर्पित कर लोगों ने श्रद्धांजलि दी.
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सरकार की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, कृषि व पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार, कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद डॉ राजीव भारद्वाज, स्थानीय विधायक केवल सिंह पठानिया सहित अन्य नेता, सैन्य अधिकारी और जवानों सहित विभिन्न सरकारी अधिकारी भी पहुंचे.
बता दें कि बीती शुक्रवार देर रात जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी में पाकिस्तान की तरफ से लगातार फायरिंग का जबाव दे रहे सूबेदार मेजर पवन कुमार और उनके साथी डटे हुए थे. इसी दौरान उन्हें गोली लग गई. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. बलिदानी पवन कुमार 31 अगस्त को रिटायर होने वाले थे.
वहीं सेवानिवृत्ति से करीब तीन महीने पहले बलिदानी पवन कुमार ने अपना सर्वस्व देश की खातिर न्यौछावर कर दिया. 52 वर्षीय पवन कुमार 25 पंजाब रेजिमेंट में तैनात थे. करीब तीन महीने बाद उनकी रिटायरमेंट होनी थी. इससे पहले ही वे शहीद हो गए. पवन कुमार अपने पीछे बेटा-बेटी, पत्नी और माता-पिता को छोड़कर गए हैं. बलिदानी पवन के पिता गरज सिंह भी सेना से हवलदार पद से रिटायर्ड हैं.
उधर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सूबेदार मेजर पवन कुमार ने देश की एकता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और कृतज्ञ राष्ट्र उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा. राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार