जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को जो हुआ, उसे दुनिया ने देखा और हर देशभक्त की आंखें उस दिन नम थीं अपने भारतीय नागरिकों के लिए. देशभर से एक ही आवाज उठ रही थी कि पाकिस्तान के इस आतंकपरस्त कदम का भारत सटीक जवाब दे. इसके बाद जिस तरह से कूटनीतिक स्तर पर मोदी सरकार ने एक के बाद एक कदम आगे बढ़ाए और अंतिम कदम के रूप में यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की मीटिंग में पाकिस्तान से जैसे तीखे सवाल किए गए, जिनके जवाब देते उसे नहीं बना. उसके बाद सीधे भारत का पाकिस्तान में नौ जगहों पर मिसाइलों से हमला करना आज यह बताने के लिए प्रयाप्त है कि भारत अब अपने हितों के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है. यदि कोई उसे आंख दिखाएगा तो उन आंखों को फोड़ देने में उसे देर नहीं लगनेवाली है.
वास्तव में आज भारतीय सेनाओं की आतंकवाद के विरोध में की गई यह सयुक्त कार्रवाई प्रत्येक भारत वासियों को आत्म गौरव से भर रही है. वैसे भी पराक्रम का स्वभाव ही है कि वह उत्साह से भर देता है. पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा ही था कि आतंक को इस बार ऐसा जवाब दिया जाएगा जो कल्पना से परे होगा और आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का काम किया जाएगा और वही हुआ. इस हमले में भारत ने 100 से ज्यादा आतंकियों को मारा है. इसके साथ ही भारत ने एक संदेश यह भी दिया है कि यदि पाकिस्तान ने फिर से कोई कायराना हरकत की तो भारत पुन: इस तरह का कदम उठाएगा.
इसके साथ ही भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर सर्जिकल स्ट्राइक’ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ने जो प्रतिक्रिया दी है. इससे पहले रूस का भारत को समर्थन देना हो या यूरोपियन देशों समेत कई मुस्लिम देशों से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भारत को साथ मिलना हो, यह सभी कदम पूरी तरह से भारत के पक्ष में जाते हैं. दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की है, भारत ने मुजफ्फराबाद, कोटली और बहावलपुर में हमले किए हैं. जब एक दिन पहले यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में पाकिस्तान से पूछा जा रहा था कि क्या पहलगाम अटैक में लश्कर-ए-तैयबा शामिल था? तब इस प्रश्न का कोई जवाब पाकिस्तान नहीं दे पाया था. दूसरे ही दिन भारत ने इसका उत्तर आतंक पर मिसाइलें दाग कर दे दिया.
वस्तुत: भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया है. मुरीदके में लश्कर ए तैयबा के हेडक्वार्टर पर हमला किया. मुरीदके में ही लश्कर का मरकज-ए-तैयबा परिसर है, जहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा भारत ने मुजफ्फराबाद में बिलाल मस्जिद और कोटली में अब्बत मस्जिद को निशाना बनाया है. फिर मुजफ्फराबाद में हिजबुल मुजाहिद्दीन के अड्डे को निशाना बनाया. इसी तरह से कोटली में टेरर कैंप, भिंबर में टेरर लॉन्च पैड, गुलपुर में टेरर लॉन्च पैड, चक अमरू में टेरर लॉन्च पैड और सियालकोट में आतंकी कैंप को निशाना बनाया है.
इसे यदि और गहरी स्पष्टता के लिए समझें तो मरकज सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख अड्डा. सरजल, तेहरा कलां – जैश-ए-मोहम्मद का दूसरा अड्डा. मरकज अब्बास, कोटली – जैश-ए-मोहम्मद का तीसरा आतंकी ट्रेनिंग स्थान. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद – जैश-ए-मोहम्मद के चौथे स्थल. मरकज तैयबा, मुरीदके – लश्कर-ए-तैय्यबा का प्रमुख स्थान. मरकज अहले हदीस, बरनाला – लश्कर-ए-तैय्यबा का दूसरा प्रमुख स्थल. शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद – लश्कर-ए-तैय्यबा का तीसरा बड़ा प्रमुख आतंकी अड्डा. महमूना जोया, सियालकोट – हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी ट्रेनिंग स्थल और मस्कर राहील शाहिद, कोटली – हिजबुल मुजाहिद्दीन का दूसरा बड़ा आतंकी स्थल है, जहां पर यह भारत की एयर स्ट्राइक की गई है.
कुल मिलाकर यहां जो स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है, वह है कि भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे तीन प्रमुख आतंकवादी संगठनों के ठिकानों पर सटीक हमला किया है, जिसमें इन आतंकी संगठनों के ठिकाने बहुद हद तक तबाह हुए हैं. पूरी कार्रवाई भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से की है. भारतीय सेनाओं के संयुक्त बयानों से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पाहलगाम आतंकवादी हमले का बदला लेते हुए, इन नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया है. ये वही ठिकाने हैं, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की साजिश रची जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था. भारत अपने ऊपर होने वाले किसी भी वार को नहीं सहेगा, बल्कि उसका कठोरतम तरीके से जवाब देता रहेगा.
यहां यह भी देखने में आया ही कि ‘ऑपरेशन सिंदूर सर्जिकल स्ट्राइक’ से पूर्व भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट कर संकेत साफ दे दिया था कि अब वह कुछ बड़ा करने जा रही है. इसमें लिखा ही था, “प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः” और Ready to Strike, Trained to Win! मतलब साफ था कि पहलगाम हमले का बदला आज ही लिया जाएगा. और वह अब ले लिया गया है. वहीं, भारतीय सेना का यह कहना कि ‘पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया गया है.’ यह स्पष्ट कर देता है कि भारत की लड़ाई किसी देश से नहीं, सीधे आतंकवाद के विरोध में है. फिर भी यदि पाकिस्तान की तरफ से कुछ भी भारत के विरोध में कोई बड़ा कदम उठाया जाता है तो भारत की तरफ से संकेत साफ है कि इससे भी भयंकर अटैक भारत अपनी ओर से करने के लिए तैयार है. निःसंदेह जिनसे बचना पाकिस्तान के लिए कहीं से भी संभव नहीं होगा.
इसके साथ ही आज की कार्रवाई पहलगाम में आतंकी हमले के वक्त आतंकवादियों की भारतीय प्रधानमंत्री के नाम संपूर्ण भारत की संप्रभुता को दी गई उस चुनौती को भी याद दिलाती है. जिसमें पुरुष पर्यटकों को धर्म देखकर गोली मारते वक्त इन आतंकियों ने कहा था कि ‘मोदी को बता देना.’ तो जो बताने के लिए कहा गया, वास्तव में यह उस संदेश का एक छोटा-सा किंतु बहुत मुखर और प्रभावी जवाब है. यदि अब भी पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर जिहाद और आतंकवाद को भारत के विरोध में इस्तेमाल करता है, तो आज की भारत की कार्रवाई से आप यही मान सकते हैं कि आगे भारत आतंक के विरोध में बहुत बड़ा कदम उठाएगा.
डॉ. मयंक चतुर्वेदी
हिन्दुस्थान समाचार