पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. जिससे 27 साल पहले पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में इसी के जैसे हुए एक टैररिस्ट अटैक के जख्म ताजा हो गए हैं.
बता दें कि 2 अगस्त 1998 में चंबा जिले में भी एक ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें आतंकियों ने 35 हिंदू मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया था. इस नरसंहार में आतंकियों ने 6 मजदूरों के बंधक बना लिया था. जिसमें उन्होंने 1 मुस्लिम मजदूर को जिंदा छोड़ दिया था. बाकी 5 हिंदू मजदूरों का आज तक कुछ पता नहीं चल सका है. हिजबुल मुजाहिदीन नामक एक आतंकी संगठन ने इस अटैक की जिम्मेदारी ली थी. गौर करने वाली बात यह है कि चंबा जिले की सीमा कश्मीर से भी जुड़ी है. जिसके कारण आतंकी हमले का असर राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों पर भी पड़ता है.
हमले के दिन क्या हुआ था
चंबा-कश्मीर की सीमा पर स्थित सतरुंडी कालावन नामक गांव में आतंकियों ने इस अटैक को अंजाम दिया था. आतंकवादियों ने यह हमला रात के समय में किया था, जब सारे मजदूर अपने टेंट में सो गए थे. हमले वाले दिन जिला चंबा के दुर्गम साच पास मार्ग में यह मजदूर सड़क बनाने के काम में लगे हुए थे. यह मार्ग पहाड़ी क्षेत्र में था. और वे सभी टेंट में रहते थे. निर्दोष मजदूरों पर आतंकवादियों ने एक साथ हमला करके सभी को घेर लिया. उन्होंने मजदूरों पर अंधाधुंध गोलियां बसाईं. इस हमले में कई मजदूरों की मौत हो गई और वे बुरी तरह से घायल हो गए. आतंकवादियों ने कुल 35 मजदूरों को बढ़ी ही बेरहमी से मार दिया. साथ ही 5 मजदूरों को बंधी बनाकर अपने साथ ले गए. इन मजदूरों का आज तक कोई पता नहीं लग पाया है.
बता दें कि ये सभी मजदूर अलग-अलग राज्य से यहां केवल पैसा कमाने के लिए आए थे. वे अपनी रोजी-रोती के लिए कार्य कर रहे थे. उनकी गलती बस इतनी थी कि वे जम्मू-कश्मीर की सीमा के पास काम कर रहे थे, जिससे आतंकवादियों को एक घिनौनी हरक्त को अंजाम देने का मौका मिल गया था. इस हमला से चंबा के साथ-साथ पूरे हिमाचल प्रदेश में डर और खौफ का माहौल बना दिया गया था. आज भी इस हमले की यादें लोगों के दिलों-दिमाग में ताजा हैं. यह घटना हिमाचल प्रदेश के इतिहास का एक काला अध्याय बन गई.
घटनास्थल पर बना है बलिदानी स्मारक
1998 के आतंकि हमले के बाद इसमें बलिदानि हुए मजदूरों को श्रद्धांजलि देने के लिए, 14 सितंबर 2014 को एक बलिदानी स्मारक का निर्माण किया गया. यह स्मारक घटनास्थल पर बनाया गया. इस स्मारक पर हमले के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई है, जिसमें बताया गया है कि सतरुंडी गांव में 9 और कालावन गांव में 26 हिंदू मजदूरों को आतंकवादियों ने मार डाला था. ये मजदूर चंबा जिले के दुर्गम क्षेत्र में साच पास मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य में लगे हुए थे. हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी संगठन ने रात के अंधेरे में हमला कर उन्हें गोलियों से भून दिया था.