हिमाचल प्रदेश में घूमने का प्लैन बने तो हमारे दिमाग में केवल शिमला, मनाली और कसौल जैसी जगहें ही याद आती हैं. लेकिन यहां कई ऐसी सीक्रेट और सुंदर जगहें हैं, जो पर्यटकों की भीड़ से तो दूर हैं पर इनकी सुंदरता किसी से कम नहीं हैं. हालांकि ये डेस्टिनेशन कुल्लू-शिमला जैसी पॉपुलर तो नहीं हैं. लेकिन धीरे-धीरे करके ये प्लेसिस भी सैलानियों का ध्यान अपनी ओर खींच रहीं हैं. आइए जानते हैं हिमाचल प्रदेश की कुछ ऐसे ही सीक्रेट घूमने वाली जगहों के बारे में…
सांगला घाटी (Sangla Valley)
लिस्ट में सबसे पहला नाम है, सांगला घाटी. किन्नौर जिले में स्थित एक खूबसूरत घाटी जो वास्तव में एक छुपी हुई जगह है. ये बास्पा घाटी के नाम से भी प्रसिद्ध है. क्योंकि बास्पा नदी इसके बीच से बहती है. ये 8,900 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह घाटी हिमालय की गोद में बसी है, यहां से हिमालय के पहाड़ बहुत सुंदर दिखाई देते हैं. पारंपरिक हिमाचली गांवों वाली सांगला घाटी में उन लोगों को जरूर आना चाहिए जिन्हें बर्फीली चोटियां, सेब के बागान और नदियां देखना बहुत पसंद है. यह जगह अपने सुंदर नजारे और शांत वातावरण से नेचर लर्वस को अपनी ओर खींचती है.
सांगला घाटी घूमने के लिए अप्रैल-जून और सितंबर-नवंबर का समय एक दम परफेक्ट है. यहां आप ट्रेकिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों का भी लुत्फ उठा सकते हैं. सड़क मार्ग से शिमला और चंडीगढ़ से पहुंचा जा सकता है. निकटतम हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) है.
चिटकुल (Chitkul)
हिमाचल के किन्नोर जिले में स्थित एक अनोखा गांव है जिसे भारत का अंतिम गांव भी कहा जाता है. यह भारत-तिब्बत सीमा के भारतीय हिस्से में बसी हुई आखिरी बस्ती है. जो समुद्र तल से करीब 3,450 मीटर की ऊंचाई पर है. चिटकुल पारंपरिक हिमाचली जीवनशैली की झलक पेश करता है. लकड़ी के घरों, घुमावदार सड़कों और मनमोहक दृश्यों से भरपूर चिटकुल, सैलानियों और खास तौर पर फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग है.
IIT दिल्ली के एक अध्ययन के अनुसार भारत में सबसे स्वच्छ हवा चिटकुल में ही है. यह जगह अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, शांत वातावरण और पॉलयूशन फ्री हवा के लिए जानी जाती है. यहां का मुख्य आकर्षण लगभग 500 साल पुराना माथी देवी मंदिर है, जो स्थानीय लोगों की देवी को समर्पित है. यह किन्नर कैलाश परिक्रमा का भी एक अहम पड़ाव है.

सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह जगह ज्यादातर बंद रहती है और स्थानीय लोग निचले इलाकों में चले जाते हैं. यहां केवल सड़क के रास्ते ही पहुंचा जा सकता है. यहां घूमने का सर्वोत्तम समय मार्च से मई और सितंबर से अक्टूबर है.
जालोरी दर्रा (Jalori Pass)
जालोरी दर्रा हिमाचल के कुल्लू जिले में स्थित प्रदेश के सबसे खूबसूरत दर्राों में से एक है. यह सतलुज घाटी को बंजार की तिर्हान घाटी से जोड़ता है. यहां एक महाकाली (जलोरी माता) का मंदिर भी है. इसकी ऊंचाई लगभग 3,120 फीट है. दोस्तों के संग बाइकिंग और ट्रेकिंग के लिए एक शानदार जगह है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता, शांत पहाड़ और घने जंगल पर्यटकों को अटरैक्ट करते हैं.

सेरोलसर झील और रघुपुर किला जालोरी दर्रे के आसपास के आकर्षण केंद्र हैं. जो की ट्रेकिंग के लिए लोकप्रिय शुरुआती बिंदु हैं. यहां से आप ब्यास और सतलुज नदी घाटियों का शानदार वीयू देख सकते है. यहां आप सड़क के रास्ते पहुंच सकते हैं, लेकिन सड़कें पतली और घुमावदार हैं. घूमने के लिए अप्रैल से जून और अक्टूबर से नवंबर तक का समय सबसे बढ़िया है. हालांकि, सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह जगह बंद रहती है.

जीभी (Jibhi)
कुल्लू जिले की बंजार घाटी में स्थित एक छोटा सा गांव जो अपनी पारंपरिक लकड़ी की वास्तुकला, झरने, शांती और सुकून के लिए फेमस है. यहां का प्रसिद्ध टूरिस्ट सपॉट जीभी झरना (Jibhi Waterfall) है.
हिमाचल के घने जंगलों के बीच छिपि हुई एक अनमोल जगह जिसे ‘मिनी थाईलैंड’ भी कहा जाता. पर्यटकों में यह जगह इसी नाम से फेमस है जबकि स्थानीय लोग इसे ‘कुली कटांडी’ कहते हैं. यह नाम नदी के मार्ग पर बने एक शांत तालाब और पारंपरिक पत्थर की झोपड़ी की अनूठी संरचना से प्रेरित है. यहां घूम के आप थाईलैंड जैसी की खूबसूरती का आनंद उठा सकते है.