हिमाचल सरकार अब प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार का पिटारा खोलने जा रही है. बिजली बोर्ड में स्टाफ की कमी तो दूर करने के लिए सुक्खू सरकार बड़ी संख्या में फील्ड कर्मियों की भर्ति करने वाली है. यह बात खुद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार Himachal Pradesh State Electricity Board Limited (HPSEBL) को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रही है. हिमाचल में बिना किसी बाधा के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में HPPTCL के अधिकारी और कर्मि अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों को सराहा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में विद्युत बोर्ड के कई अधिकारी ऊर्जा निदेशालय, एचपीपीसीएल और पावर कॉरपोरेशन में प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि इन अधिकारियों को 30 अप्रैल तक उनके संबंधित विभागों में स्थायी रूप से समायोजित होने का विकल्प दिया जाए. इसके बाद जो पद रिक्त होंगे, वे प्राथमिकता के आधार पर भरे जाएंगे, ताकि बोर्ड का कार्य बेहतर तरीके से चल सके.
सीएम सुक्खू ने आगे कहा कि 100 मेगावाट की क्षमता वाली उहल चरण-3 जल विद्युत परियोजना का जल्द उद्घाटन होगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में पेनस्टॉक फटने के कारण इस परियोजना को नुकसान हुआ था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस परियोजना को गति प्रदान करते हुए इसके लिए 185 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई.
सुक्खू ने जानकारी दी कि अब तक इस परियोजना से 2.97 करोड़ यूनिट विद्युत उत्पादन हो चुका है. वर्ष 2003 में आरंभ हुई यह परियोजना करीब 22 वर्षों के बाद पूरी तरह कार्यशील होने जा रही है. इसके पूरी तरह चालू होने पर यह परियोजना प्रतिवर्ष लगभग 392 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी, जिससे राज्य को लगभग 200 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा.