शिमला: हिमाचल प्रदेश में दृष्टिबाधितों की लंबित बैकलॉग भर्तियों को एकमुश्त भरने की मांग को लेकर दृष्टिहीन संघ का आंदोलन अब और तेज हो गया है. सोमवार को दृष्टिहीन संघ ने छोटा शिमला स्थित राज्य सचिवालय के बाहर चक्का जाम कर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम सशक्तिकरण विभाग की निदेशक किरण भड़ाना के इस्तीफे की मांग की.
दृष्टिहीन संघ का कहना है कि बीते 535 दिनों से वे लगातार शिमला में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार अब तक उनकी मांगे मानने को तैयार नहीं है. उनकी प्रमुख मांग है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में वर्षों से लंबित पड़ी बैकलॉग कोटे की भर्तियों को एकमुश्त भरा जाए.
दृष्टिहीन संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है. उन्होंने सरकार पर दृष्टिबाधितों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि एक ओर सरकार खुद को “व्यवस्था परिवर्तन” और “सुख की सरकार” बताती है, वहीं दूसरी ओर दृष्टिहीनों को उनका हक देने से कतरा रही है.
प्रदर्शन के दौरान दृष्टिहीन संघ ने विभाग की निदेशक पर गलत आंकड़े पेश करने और दृष्टिबाधितों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए. उनके मुताबिक निदेशक की कार्यशैली उनके हितों के विरुद्ध है और इस कारण वे उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
दृष्टिहीन संघ के पदाधिकारी राजेश ठाकुर ने कहा कि जब तक सभी लंबित भर्तियां नहीं की जातीं और विभाग में जवाबदेही तय नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
इस बीच चक्का जाम के चलते छोटा शिमला क्षेत्र में कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित रहा. पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला. हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा.
हिन्दुस्थान समाचार