नाहन: उत्तर भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ त्रिलोकपुर माता बाला सुंदरी मंदिर के लिए जाना जाता है. यहां पर माता अपने बाल रूप में पिंडी में विराजमान हैं. ऐसा माना जाता है कि रियासत काल में माता दुर्गा यहां पर देवबंद से नमक की बोरी में आयी थीं. और जब स्थानीय बनिया का नमक कई महीनो खत्म नहीं हुआ तो उसे हैरानी हुई. तब माता ने उसे सपने में दर्शन दिए और मंदिर बनाने को कहा.
बनिया नाहन के तत्कालीन राजा के पास गया और उन्हें भी माता ने सपने में दर्शन दिए. उसके बाद यहां पर भव्य मंदिर निर्माण किया गया और माता दुर्गा यहां पिंडी रूप में विराजमान हैं. यहां की बड़ी मान्यता है और पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब ,उत्तराखंड से लाखों श्रद्धालु यहां शीश नवाने पहुंचते हैं.
चैत्र नवरात्र पर त्रिलोक पुर जोकि काला अब से 5 किलोमीटर दुरी पर है मेला भी लगता है. चैत्र नवरात्रि पर मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है और आज सुबह से ही लोग कतारबद्ध होकर माता के दर्शन कर रहे हैं. मंदिर में पूजा अर्चना हवन व आरती से आरम्भ हुई जिसमे उपायुक्त सिरमौर एल आर वर्मा ने भाग लिया. मंदिर में पूजा अर्चना के साथ चैत्र नवरात्रि का शुभारम्भ हो गया.
डीसी सिरमौर एल आर वर्मा ने बतायाकि चैत्र नवरात्रों को लेकर त्रिलोकपुर में पुख्ता प्रबंध किये हैं. मंदिर आने के लिए वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनो के लिए अलग प्रबंध किये गए हैं काला अम्ब से त्रिलोकपुर तक गाड़ियों की व्यवस्था की गयी है. इसके इलावा मेला परिसर में पार्किंग स्थल बनाये गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को आने जाने में कोई असुविधा न हो. इसके इलावा सुरक्षा की दृष्टि से भी पुलिस,जवानो व् होम गार्ड्स की तैनाती की गयी है. इसके इलावा भंडारों का भी आयोजन किया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार
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