शिमला: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने ठियोग में एक 10वीं कक्षा के छात्र आदित्य की बहादुरी की सराहना की है जिसने बिना चालक के चल रही बस को समय रहते रोककर 40 बच्चों के जीवन को एक बड़ी दुर्घटना से बचाया. उन्होंने प्रदेश सरकार से आदित्य को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार दिलवाने के प्रयास किए जाएं. शांता ने इसे हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया और आदित्य के साहस को अत्यंत सराहनीय बताया. यह घटना बुधवार काे शिमला जिला के ठियाेग उपमण्डल में हुई थी.
शान्ता कुमार ने शुक्रवार काे एक बयान में कहा कि यदि आदित्य ने समय रहते बस को रोककर साहस का परिचय नहीं दिया होता तो 40 बच्चों के जीवन का क्या होता, इसे सोचकर डर लगता है. उन्होंने आदित्य की वीरता और साहत को विशेष रूप से नमन करते हुए स्कूल की प्रिंसिपल अराधना भारद्वाज को भी बधाई दी और आदित्य के परिवार को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि आदित्य का यह कार्य न केवल उसकी बहादुरी का प्रमाण है बल्कि यह पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए एक सम्मान की बात है. उन्होंने 11 हजार रुपये भेजकर प्रिंसीपल से आग्रह किया कि स्कूल में एक कार्यक्रम में आदित्य को सम्मानित करें और मेरी और से 11 हजार रुपये का पुरस्कार दें.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस घटना से यह साबित होता है कि अगर स्कूलों में बच्चों को सही शिक्षा और समुचित प्रकार का विकास दिया जाए, तो आने वाला भारत महान बन सकता है.
आदित्य की बहादुरी को देखते हुए शान्ता ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से आग्रह किया कि आदित्य को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार दिलवाने के प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि आदित्य ने एक विकट परिस्थिति में साहस का निर्णय लिया और 40 बच्चों की जान बचाई, जो कि उसकी असाधारण सोच और बहादुरी को दर्शाता है. आदित्य का यह साहसिक कार्य हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व महसूस करना चाहिए और उसकी वीरता की सराहना करनी चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार