शिमला: हिमाचल प्रदेश में जल रक्षकों ने बीते दिन अपनी मांगों को लेकर शिमला के चौड़ा मैदान में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदेशभर से आए जल रक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नियमितिकरण नीति में संशोधन की मांग उठाई. जल रक्षक संघ ने सरकार को चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
जल रक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल ने बताया कि प्रदेशभर में करीब नौ हजार जल रक्षक सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनके वेतन और स्थायीकरण को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है. उन्होंने बताया कि हाल ही में सरकार ने उनका वेतन केवल 300 रुपये बढ़ाकर 5,600 रुपये किया है, जो उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद कम है.
संघ की प्रमुख मांग है कि जल रक्षकों की नियमितिकरण अवधि को 12 वर्षों से घटाकर 7 वर्ष किया जाए और उन्हें पूर्ण रूप से जल शक्ति विभाग में शामिल किया जाए. रूप लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से कई बार बातचीत हुई, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला. सरकार ने अभी तक कोई ठोस नीति नहीं बनाई है जिससे जल रक्षकों में रोष है.
संघ के नेताओं ने साफ किया कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द नीति में संशोधन कर जल रक्षकों के हित में निर्णय लेने की अपील की है.
हिन्दुस्थान समाचार