शिमला: हिमाचल की कांग्रेस सरकार पूर्व भाजपा सरकार की सहारा योजना को बंद नहीं करेगी, बल्कि इसके नियमों में संशोधन किया जाएगा. इस योजना को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यकाल में शुरू किया गया था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि इस योजना को वर्तमान सरकार जारी रखेगी. इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को एसडीएम की सिफारिश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सी.एम.ओ.) द्वारा प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 40 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है.
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने विधायक सतपाल सत्ती, रणधीर शर्मा और सुरेश कुमार के संयुक्त मूल प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 33,181 पात्र व्यक्तियों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है, जबकि 739 मामले लंबित हैं, जिन्हें जल्द ही पेंशन जारी की जाएगी. उन्होंने बताया कि फरवरी 2025 तक 34,292 लाभार्थी इस योजना में पंजीकृत हो चुके हैं, जबकि 13,895 पात्र लाभार्थियों को आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद सहायता राशि प्रदान की जा रही है.
विधायक सतपाल सत्ती और रणधीर शर्मा के संयुक्त सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सहारा योजना के तहत हर पात्र व्यक्ति को 4,000 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई लाभार्थियों के दस्तावेज अधूरे होने के कारण उनके खाते में पैसा नहीं पहुंच पाया है. जैसे ही सभी दस्तावेज पूरे होंगे, उन्हें सहायता राशि जारी कर दी जाएगी.
इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार सहारा योजना को जारी रखेगी और इसके नियमों में संशोधन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि योजना की समीक्षा के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए, जिनकी दोबारा सत्यापन की आवश्यकता थी. सरकार इस लंबित पेंशन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करेगी.
विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार ने दिया भरोसा
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में सहारा योजना शुरू करने का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना था, जो चल-फिर नहीं सकते और पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि योजना के तहत लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि लाभार्थियों को हर माह उनकी पेंशन समय पर मिले.
हिन्दुस्थान समाचार