शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को भी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट अनुमानों पर चर्चा जारी रही. इस दौरान सत्तापक्ष कांग्रेस और विपक्ष भाजपा के विधायकों ने अपनी-अपनी बातें रखीं. इस दौरान पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर तीखे प्रहार किए, जिससे सदन का माहौल गरमा गया.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने राज्य सरकार पर 6,390 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे के लिए निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में निवेश नहीं बढ़ेगा, तब तक आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होगा. परमार ने आरोप लगाया कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत से अधिक कर्ज लेने के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की जो राशि जमा है, वह कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति पर मिलेगी.
परमार ने केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल को आवंटित 9,300 आवासों और प्राकृतिक आपदा राहत के लिए 1,100 करोड़ रुपए की मदद का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि प्रदेश को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 32 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी की गई है, जिससे 2025-26 में राज्य को 11,806 करोड़ रुपए मिलेंगे.
विधायक रघुवीर सिंह बाली ने विपक्ष के दावे को खारिज करते हुए कहा कि टांडा में कैथ लैब पूरी तरह से कार्यरत है और वहां पांच कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि स्टंट बदले जाने की प्रक्रिया भी सामान्य रूप से चल रही है, इसलिए विपक्ष को सदन में गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को जीएसटी अनुदान के रूप में 16,000 करोड़ रुपए मिले थे. इसके अलावा, राजस्व घाटा अनुदान भी अधिक मात्रा में प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा कि विपक्ष को कांग्रेस सरकार द्वारा इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं और संस्थानों पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर चलने वाली योजनाओं को भी बरकरार रखा है.
अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने मनाली, कुल्लू और सिराज में सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंप दिया था.
विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में पिछले दो वर्षों में नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं. सरकार ने इसमें संलिप्त बड़े अपराधियों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि 1990-92 के दौरान प्रदेश की विकास दर नकारात्मक रही थी.
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए “व्यवस्था परिवर्तन” की नीति के तहत कार्य कर रही है. अवस्थी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदा के नुकसान की भरपाई में हिमाचल की मदद नहीं कर रही है और पिछली भाजपा सरकार ने प्रदेश पर 90,000 करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ दिया है.
हिन्दुस्थान समाचार