समूची दुनिया में फिनलैंड के लोग सबसे ज्यादा खुश हैं. इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर की प्रकाशित वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2025 के अनुसार, फिनलैंड ने लगातार आठवें साल खुशहाल देशों की सूची में प्रथम स्थान हासिल किया है.
डेनमार्क, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन भी शीर्ष 10 में शामिल हैं. यह रिपोर्ट गैलप, वेलबीइंग रिसर्च सेंटर, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क की मेहनत का नतीजा है.
नॉर्डिक देशों का जलवा
सीएनबीसी न्यूज चैनल के अनुसार, गैलप की प्रबंध निदेशक इलाना रॉन लेवे ने कहा कि नॉर्डिक देशों का इस सूची में शीर्ष पर होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. फिनलैंड के लोग अपने जीवन के बारे में अच्छा महसूस करते हैं. जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसा नहीं है.
महत्वपूर्ण यह है कि नॉर्डिक शब्द का मतलब है उत्तरी यूरोप और खास तौर पर स्कैंडिनेवियाई क्षेत्र. नॉर्डिक शब्द की उत्पत्ति स्थानीय शब्द ‘नॉर्डेन’ से हुई है. इसका मतलब है ‘उत्तर’. आमतौर पर नॉर्डिक शब्द का इस्तेमाल बाल्टिक सागर के आसपास के यूरोप के उत्तरी क्षेत्र के लिए किया जाता है.
अमेरिका शीर्ष 10 देशों में भी नहीं
रॉन लेवे ने कहा कि सूची तैयार करने में रिपोर्ट में शामिल 130 से अधिक देशों की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार से मुक्ति के प्रयासों का ध्यान रखा गया. लेवे का मानना है कि एक और फिनलैंड को अन्य देशों से अलग रखती है. वह है परोपकारी कार्यों का महत्व. वह कहती है कि परोपकार करने से खुशी को भी बढ़ावा मिलता है. संयुक्त राज्य अमेरिका शीर्ष 10 की सूची में जगह बनाने में विफल रहा और वास्तव में पिछले साल 23वें स्थान से गिरकर 24वें स्थान पर आ गया। रॉन लेवे ने कहा कि अमेरिकी अकेले भोजन करने में अधिक से अधिक समय बिता रहे हैं.
वह कहती हैं कि खुशी का मतलब सिर्फ जीडीपी या उच्च वेतन से नहीं बल्कि विश्वास, सामाजिक संबंध, रिश्ते और इन सभी अलग-अलग आयामों से है.
यही बात सबसे ज्यादा खुश देशों को अलग करती है. उन्होंने कहा कि कोस्टा रिका और मेक्सिको दोनों पहली बार शीर्ष 10 पर पहुंचे हैं. इससे पता चलता है कि लोगों को खुश करने के लिए आपको दुनिया के सबसे धनी देशों में से एक होने की जरूरत नहीं है. बुनियादी आर्थिक जरूरतें पूरी होने पर उच्च जीवन मूल्यांकन भी संभव है.
दुनिया के शीर्ष 10 सबसे खुशहाल देश
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2025 की सूची में शीर्ष देशों में क्रमशः फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन, नीदरलैंड, कोस्टा रिका, नॉर्वे, इजराइल, लक्जमबर्ग और मेक्सिको हैं. डेनमार्क 2025 के लिए दुनिया का दूसरा सबसे खुशहाल देश है. यह एक दशक से ज्यादा समय से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में शीर्ष 10 में रहा है रॉन लेवे कहती हैं कि हालांकि डेनमार्क के लोग दुनिया के सबसे ज्यादा करों में से कुछ का ही भुगतान करते हैं. देश में अधिकतर स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हैं.
बच्चों की देखभाल पर सब्सिडी दी जाती है. विश्वविद्यालय के छात्र पढ़ाई के दौरान खर्चों को पूरा करने के लिए अनुदान प्राप्त करते हैं. बुज़ुर्गों को पेंशन मिलती है और उन्हें देखभाल करने वाले सहायक उपलब्ध कराए जाते हैं. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन बेहतर जीवन सूचकांक के अनुसार, नॉर्डिक देश नौकरियों, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण गुणवत्ता, सामाजिक संबंधों, नागरिक जुड़ाव और जीवन संतुष्टि में औसत से बेहतर प्रदर्शन करता है. डेनमार्क इस संगठन और नाटो का संस्थापक सदस्य है.
अफगानिस्तान सूची में सबसे नीचे
अफगानिस्तान (नंबर 147) एक बार फिर सूची में सबसे नीचे है. सिएरा लियोन (नंबर 146), लेबनान (नंबर 145), मलावी (नंबर 144) और जिम्बाब्वे (नंबर 143) खुशहाली के मामले में सबसे निचले पांच देशों में शामिल हैं.
हिन्दुस्थान समाचार