शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण को हटाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है. देवभूमि संघर्ष समिति ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशभर के हिंदू समाज को ‘संजौली चलो’ आंदोलन के तहत जुटाया जाएगा. इसके अलावा समिति ने पहले नवरात्र पर सरकार और प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए हवन करने का भी ऐलान किया है.
संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण ने रविवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि 5 अक्टूबर 2024 को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को अवैध मानते हुए इन्हें दो माह में हटाने का आदेश दिया था. लेकिन प्रशासन इस पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका. इसके बाद नगर निगम कोर्ट ने 21 दिसंबर 2024 को सुनवाई कर 15 मार्च 2025 तक सभी तीन मंजिलों को गिराने का निर्देश दिया था मगर अब तक केवल 60 फीसदी निर्माण ही गिराया जा सका है.
भरत भूषण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी इस विवाद को आठ हफ्तों में सुलझाने के निर्देश दिए थे लेकिन नगर निगम की अदालत इन आदेशों का पालन नहीं कर रही. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में प्रशासन इस मामले को जानबूझकर लटकाने की कोशिश कर रहा है.
भरत भूषण का कहना है कि बाहरी प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा.
संघर्ष समिति की चेतावनी – ‘संजौली चलो’ आंदोलन का ऐलान
देवभूमि संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि पहले नवरात्र के अवसर पर प्रदेशभर में हवन का आयोजन किया जाएगा, ताकि सरकार और प्रशासन को न्यायसंगत निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया जा सके. भरत भूषण ने कहा कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता तो ‘संजौली चलो’ आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसमें प्रदेशभर के हिंदू समाज को संजौली में एकत्रित होने के लिए आह्वान किया जाएगा.
मस्जिद कमेटी का पक्ष
मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि उनकी कमेटी नगर निगम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रही है और अवैध निर्माण को हटाने का काम जारी है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि फंड की कमी के चलते निर्माण हटाने की प्रक्रिया धीमी हो गई है.
11 सितंबर को हुआ था बड़ा प्रदर्शन, भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बीते वर्ष 11 सितंबर को हिंदू संगठनों ने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़कर मस्जिद स्थल की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं दूसरी तरफ से पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आई थीं, जिसमें कई लोग घायल हुए थे.
हिन्दुस्थान समाचार