भारत और मॉरीशस के बीच वित्तीय अपराध की रोकथाम, छोटे एवं मझोले उद्यम, सार्वजनिक सेवा क्षमता निर्माण, समुद्री सुरक्षा और स्थानीय मुद्रा व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में 8 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं.साथ ही सेंट ब्रैंडन द्वीप का एक नौसैनिक चार्ट भी सौंपा गया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस में हैं. प्रधानमंत्री मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई.दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए संबंधों को अपग्रेड करने की पुष्टि की.
प्रधानमंत्री मोदी ने समझौते को लेकर एक्स पोस्ट में कहा कि मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस के विशेष अवसर पर उन्हें अपने अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम से मिलने और भारत-मॉरीशस दोस्ती की पूरी शृंखला पर चर्चा करने का अवसर मिला.हमने अपनी साझेदारी को एक बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी के लिए बढ़ाने का फैसला किया है.
On the special occasion of Mauritius’ National Day, I had the opportunity to meet my good friend, PM Navinchandra Ramgoolam and discuss the full range of India-Mauritius friendship. We have decided to raise our partnership to an Enhanced Strategic Partnership.
We talked about… pic.twitter.com/DvNDUy7ML4
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2025
हमने इस बारे में बात की कि हम बुनियादी ढांचे, आवास, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और बहुत कुछ जैसे क्षेत्रों में एक साथ कैसे काम कर सकते हैं.हम एआई, क्षमता निर्माण और स्थायी विकास जैसे क्षेत्रों में अधिक जमीन को शामिल करने पर भी सहमत हैं.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के विकास के लिए भारतीय प्रतिबद्धता को दोहराया और उच्च-प्रभाव वाले सामुदायिक विकास परियोजनाओं के चरण-दो तथा मॉरीशस के लिए एक नए संसद भवन के निर्माण के लिए समर्थन की घोषणा की.
दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से मॉरीशस में भारत-सहायता प्राप्त सिविल सर्विस कॉलेज का उद्घाटन किया.संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है.संस्थान मॉरीशस के नौकरशाहों के लिए प्रशिक्षण के अवसरों को बढ़ाने के लिए उत्कृष्टता का एक केंद्र है.
इस दौरान 20 उच्च-प्रभाव वाले सामुदायिक विकास परियोजनाओं और एक भारत-सहायता प्राप्त स्वास्थ्य केंद्र (एएचसी) परिसर का उदघाटन किया गया.विदेश मंत्रालय का कहना है कि इससे जमीनी तौर पर स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधाओं का विकास होगा जिससे लोगों को सीधा लाभ मिलेगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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