पूरे देशभर में होली का पर्व बहुत धुमधाम से मनाया जाता है. भारत में बहुत सी ऐसी जगह हैं जो होला के उत्सव के कारण बेहद प्रसिद्ध हैं.जैसे मथुरा की रंगो और गुलाल की होली,वृंदावन की कीचड़ की होली, बरसाना की लठमार होली और काशी के मणिकर्णिका घाट की भष्म की होली देखने लायक होता हैं.वैसे ही पहाड़ों की भी होली लोगों को बहुत आकर्षित करती है.
हिमाचल के किन्नौर जिले के सांगला वैली में एक अनोखी होली मनाई जाती है. यहां होली एक दिन का पर्व नहीं बल्कि 4 दिनों तक मनाई जाती है.यहां की होली अपनी समृद्ध लोक संस्कृति के कारण बेहद प्रसिद्ध है.
इस दौरान लोग यहां एक-दूसरे को सिर्फ रंग-गुलाल में ही नहीं रंगते हैं बल्कि रंग-बिरंगी वेशभूषा में तैयार होकर नाटिकाओं का मंचन भी करते हैं.होली के समय पूरे सांगला वाली समूह बनाकर बैरिंगनाग मंदिर के प्रांगण में इकट्ठा होते हैं.इसके बाद रामायण से लेकर महाभारत तक के चरित्र में तैयार होकर आए कलाकार उन नाटकों को प्रस्तुत करते हैं.
होली पर्व के तीसरे दिन ग्रामीण गांव में होली खेलकर देवता बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण पर वापस आते हैं.
सांगला की होली इतनी अनोखी होती है कि उस समय यहां सिर्फ गांव के या हिमाचल प्रदेश के निवासी ही नहीं बल्कि यहां घूमने आने वाले पर्यटक भी मंदिर परिसर में खींचे चले आते हैं.
ये भी पढ़ें: इलाहाबाद HC ने संभाल में रंगाई- पुताई के दिए निर्देश, ASI और सरकार से किए अहम सवाल