शिमला: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की अति दुर्गम पांगी घाटी के लोगों को सालभर जिला मुख्यालय से जोड़े रखने के लिए सुरंग निर्माण की मांग राज्यसभा में गूंजी. हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने सोमवार को शून्यकाल के दौरान यह अहम मुद्दा उठाते हुए भारत सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की.
सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने सदन में कहा कि चंबा जिले की पांगी घाटी भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत दुर्गम क्षेत्र है. यहां के लोगों को जिला मुख्यालय चंबा आने-जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वर्तमान में पांगी से चंबा आने के लिए लोगों को 14,500 फीट ऊंचाई पर स्थित साच पास दर्रा पार करना पड़ता है, जो अत्यधिक बर्फबारी के कारण सालभर में केवल 4-5 महीने ही खुला रहता है. बाकी समय में लोगों को जम्मू, लाहौल-स्पीति, अटल टनल, मनाली, कुल्लू होते हुए आना पड़ता है, जिससे यात्रा की दूरी 500 से 700 किलोमीटर तक बढ़ जाती है. इससे लोगों के समय और धन दोनों पर भारी असर पड़ता है.
सांसद ने बताया कि सर्दियों के दौरान साच पास दर्रे पर भारी बर्फबारी के चलते यह मार्ग बंद हो जाता है और इसे खोलने के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है. ऐसे में यदि चैहणी जोत से होकर पांगी को चंबा से जोड़ने के लिए सुरंग का निर्माण किया जाए तो इससे न केवल लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी, बल्कि सरकार का करोड़ों रुपये खर्च भी बचेगा.
उन्होंने कहा कि यह मांग पांगी घाटी के लोग पिछले 50 वर्षों से कर रहे हैं लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने लाहौल घाटी के लोगों के लिए अटल टनल बनाकर उनका जीवन आसान बनाया है. अब समय आ गया है कि पांगी घाटी के लोगों की वर्षों पुरानी मांग को भी पूरा किया जाए. उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार करेगी और जल्द ही पांगी घाटी के लोगों के लिए सुरंग निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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