राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के सोढला दूदा गांव में 30 साल के बाद 40-45 हिंदू परिवारों ने घर वापसी कर ली है. इन सभी ने पैसों के लालच और मुफ्त इलाज के लिए ईसाई धर्म को अपनाया था.
अपको बता दें कि रविवार को चर्च के स्थान पर बने मंदिर में विधि विधान के साथ भैरव जी की प्रतिमा स्थापित की गई.इस धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत शोभायात्रा से हुई. जिसमें बड़ी संख्या में हिन्दू धर्मावलंबी और गौतम गरासिया जैसे पूर्व ईसाई पादरी ने भाग लिया.
इस अवसर पर क्षेत्रीय रामस्वरूप महाराज ने कहा कि क्षेत्र में लंबे समय से जन जागरण का कार्य चल रहा था और त्रिशूल दीक्षा के कार्यक्रम के बाद इन परिवारों ने हिन्दू धर्म में वापसी का निर्णय लिया.
पैसों के लालच में बदल लिया था धर्म
गौतम गरासिया ने बताया कि उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए पैसों का लालच दिया गया था और गुजरात से ईसाई परिवार उनके गांव में चर्च बनाने के लिए आए थे. उन्होंने बताया गांव की जमीन जहां पहले चर्च बनाया, वहां अब मंदिर बनाकर रविवार को भैरव जी की मूर्ति स्थापित की.
इस मंदिर के पुजारी का काम भी गौतम ही देखेंगे. गांव में इस घटना के बाद खुशी का माहौल है.शनिवार को गौतम और गांव के लोगों ने चर्च का रंग भगवा करते हुए उसकी दीवारों पर ‘जय श्री राम’ लिखा. मंदिर के ऊपर भगवान श्रीराम की ध्वजा लहराया.
बांसवाड़ा के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन का कहना है कि गौतम ने करीब डेढ़ साल पहले अपनी निजी जमीन पर चर्च का निर्माण किया था. आज निजी जमीन पर संरचना को मंदिर बना दिया और गांव के 45 परिवारों के साथ फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है.