शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में कुल 16 बैठकें आयोजित की जाएंगी. यह सत्र 28 मार्च तक चलेगा और इस दौरान सदन में कुल 963 सवाल गूंजेंगे. मुख्यमंत्री 17 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसकी जानकारी दी.
राज्यपाल के अभिभाषण से होगी सत्र की शुरुआत
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि बजट सत्र की शुरुआत 10 मार्च को दोपहर 2 बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी. इसके बाद 11 से 13 मार्च तक अभिभाषण पर विस्तृत चर्चा की जाएगी. इस दौरान सरकार अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करेगी और विपक्ष अपनी रणनीति के तहत सरकार से जवाब तलब करेगा.
963 सवालों से गूंजेगा सदन
इस सत्र में कुल 963 प्रश्न रखे जाएंगे, जिनमें 737 तारांकित और 226 अतारांकित प्रश्न होंगे. तारांकित प्रश्नों पर सरकार से विस्तृत जवाब मांगे जाएंगे जबकि अतारांकित प्रश्नों के जवाब लिखित रूप में दिए जाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इसके अलावा नियम 62 के तहत 9 सूचनाएं, नियम 101 के तहत 5 और नियम 130 के तहत 10 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं.
मुख्यमंत्री 17 मार्च को पेश करेंगे बजट
मुख्यमंत्री 17 मार्च को दोपहर 2 बजे प्रदेश का वार्षिक बजट पेश करेंगे, जिसमें विभिन्न विभागों के लिए धनराशि आवंटन, नई योजनाएं और विकास कार्यों की रूपरेखा तय की जाएगी. 26 मार्च को बजट पारित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके अलावा 22 और 27 मार्च को गैर-सरकारी कार्यों के लिए दिन निर्धारित किए गए हैं. इसमें विधायकों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
9 मार्च को सर्वदलीय बैठक, सार्थक चर्चा की अपील
बजट सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 9 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी दलों के नेताओं से सत्र को व्यवस्थित और सार्थक बनाने के लिए सहयोग की अपील की जाएगी. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि पक्ष-विपक्ष दोनों सदन में सकारात्मक चर्चा करें.
भाजपा के 10 विधायकों का मामला अभी विचाराधीन
विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले बजट सत्र के दौरान भाजपा के 10 विधायकों द्वारा किए गए आचरण पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह मामला अभी विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि चूंकि यह सदन के भीतर का मामला है इसलिए उचित समय पर इस पर निर्णय लिया जाएगा.
बता दें कि बजट सत्र हंगामेदार रहेगा. सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है. जहां कांग्रेस सरकार अपने बजट और नीतियों को सदन में प्रस्तुत करेगी वहीं विपक्ष गारंटियों, बरोजगारी, नशा, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. खासकर भाजपा इस सत्र में आक्रामक रुख अपना सकती है क्योंकि विधानसभा में विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करने की तैयारी में है.
हिन्दुस्थान समाचार