रमजान के रोजे शुरू हो चुके हैं ऐसे में इसके हेल्थ बेनीफिट को लेकर वामपंथी मीडिया भरभर कर आर्टिकल छाप रहा है मगर वही मीडिया हिंदुओं के त्योहारों पर नेगेटिव और कुंठित प्रचार करने से बाज नहीं आता. मीडिया में जानकारी से भरपूर ऐसे कई लेखों को छापा गया है जहां बताया गया कि महिलाओं के व्रत रखने से सारा असर शरीर पर पड़ता है. इसके विपरीत रमजान में रखे गए रोजों को वेट लॉस, बीपी कंट्रोल और कॉलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करने वाला बताया गया.
करवा चौथ हिंदुओं के बड़े त्योहारों में से एक है इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है. इसे लेकर वामपंथियों ने अपने लेखों के माध्यम से ऐसे प्रसारित किया कि लंबे व्रत महिलाओं के हार्मोन को डिसबेलेंस कर सकते हैं वहीं इससे मासिक धर्म आने में भी देरी हो सकती है. इसके अलावा यह तक बताया गया कि फास्टिंग, तनाव पैदा करने वाले हार्मोन का कारण बन सकती हैं, साथ ही मूड स्विंग और प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है. हेल्थ का कनेक्शन किसी एक धर्म विशेष से नहीं होता है. ऐसे अनगिनत आर्टिकल मौजूद हैं जिसमें करवाचौथ का दुष्प्रचार किया गया तो वहीं रमजान की फास्टिंग को अच्छा बताया गया. आइए जानते हैं ऐसे ही दुष्प्रचारिक करने वाले लेखों के बारे में…
1. साल 2017 में सोशल मीडिया पर द हिंदु सामाचार पत्र की दो खबरें जमकर वायरल हो रही थी जहां उन्होंने रमजान और करवा चौथ में व्रत रखने को लेकर दो खबरें चलाई हुई थीं. इसमें से एक में बताया गया कि डायबिटीज के मरीजों के लिए करवाचौथ का व्रत रिस्की हो सकता है तो वहीं एक दूसरी खबर में बताया गया कि डायबिटीज के रोगी भी रमजान में फास्ट कर सकते हैं.
2. ऐसी ही एक खबर साल 2024 में हिंदुस्थान टाइम्स में लगाई गई थी इसमें डीटेल में बताया गया कि महिलाओं को हार्मोनल परेशानियों से बचने के लिए व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर होता है. वहीं एक अन्य समाचार में बताया गया कि रमजान में व्रत रखना कितना सकारात्मक होता है और इससे शरीर कैसे ट्रांस्फोर्म हो सकता है.
3. एक अन्य खबर में भी मीडिया का दोहरा चरित्र उजागर हुआ जहां द इंडियन एक्सप्रेस ने 2024 में औरतों के स्वास्थ्य के हार्मोन पर पड़ने वाले प्रभावों को विस्तार से बताया गया वहीं दूसरी तरफ इसी साइट ने रमजान के मौके पर व्रत करने के अच्छे पक्ष को बताते हुए यह भी बताया कि कैसे इससे वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर कम करने में मदद मिलती है.
4. इसी साल हर ज़िंदगी नामक एक वेबसाइट पर एक आर्टिकल छापा गया इसमें बताया गया सभी महिलाओं के लिए करवाचौथ के व्रत को जरूरी मानने की PIL को कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसे लेकर विवादित आर्टिकल छापा गया. वहीं इसी साइट ने रमजान में व्रत रखने की खासियत बताते हुए भर-भर के आर्टिकल किए.
5. त्योहारों और हेल्थ को लेकर फ्रीप्रेस जरनल ने भी साल 2024 में झूठा नेरेटिव प्रसारित किया गया. जहां करवाचौथ को लेकर बताया गया कि महिलाएं उम्मीद लगाती हैं कि करवाचौथ पर रुढ़िवादी रवैये को तोड़ते हुए उनके पति भी लंबी उम्र के लिए व्रत रखें. इसके विपरीत मुस्लिम त्योहार रमजान पर फास्टिंग करने के फायदों को लेकर काफी कंटेंट डाला गया.
6. साल 2024 में द हेल्थ साइट नामक एक वेबसाइट पर भी त्योहारों में भेवभाव करते हुए एक की आलोचना और दूसरे की खूबियां गिनवाई. जहां पीरियड्स में करवा चौथ के व्रत रखने पर ही सवाल उठा दिया और रीडर्स को कन्फ्यूज करते हुए मासिक धर्म को ही पवित्रता और आस्था से जोड़ कर बताया गया. वहीं इसी साइट ने रमजान में रोजे रखने पर एसिडिटी जैसी समस्या से छुटकारा पाने का दावा पेश कर दिया.
7. टाइम्स ऑफ इंडिया की तरफ से भी साल 2024 में हिंदू त्योहार कवाचौथ पर ही सवाल उठा दिया और कहा गया कि केवल एक व्रत कैसे प्यार का प्रतीक हो सकता है. वहीं रमजान की एक स्टडी का हवाला देते हुए सकारात्मक पक्ष दिखाया और कहा कि 14 दिन किया गया फास्ट हमारे स्ट्रेस लेवल को कम करने में मददगार साबित हो सकता है. इस दोहरे चरित्र की पराकाष्ठा यहां हमेशा ही देखने को मिलती है.
8. साल 2016 में इंडिया टीवी ने एक्ट्रेस ट्वींकल खन्ना के विवादित ट्वीट को लेकर एक स्टोरी बनाई थी जहां अदाकारा ने करवाचौथ पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि 100 ऐसे देश हैं जहां कोई किसी की लंबी उम्र के लिए उपवास नहीं रखा जाता है और वहां के लोग भारतीय पुरुषों की तुलना में ज्यादा जीते हैं. इसे लेकर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी. वहीं इसी साइट पर रमजान में व्रत रखने के लाभ बताते हुए बताया गया था कि इससे वजन कम करने में मदद मिलती है.