शिमला: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के नारी गांव स्थित बाबा रुद्रू डेरे के वर्तमान गुरु परम पूज्य श्री श्री 1008 सुग्रीवानंद महाराज का निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रांत, राज्यपाल, सीएम सुक्खू और उप-मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया है.
प्रांत संघचालक प्रोफेसर वीर सिंह रांगड़ा ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्वामी सुग्रीवानंद महाराज का जीवन संस्कृत और संस्कृति के संरक्षण के लिए समर्पित था. उन्होंने बाबा रुद्रू डेरे में पाठशाला को महाविद्यालय में परिवर्तित करवाया, जहाँ वेद, शास्त्री और आचार्य की शिक्षा दी जाती है. इसके अलावा स्वामी ने संस्कृत और वेदों पर शोध के लिए एक शोध अनुसंधान केंद्र की स्थापना की और आश्रम में दुर्लभ ग्रंथों का संकलन कर विराट संस्कृत साहित्य का पुस्तकालय भी स्थापित किया.
प्रोफेसर रांगड़ा ने यह भी कहा कि RSS को हमेशा स्वामी का शाश्वत स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा है. उनके निधन से सभी के लिए यह अत्यंत दुखद और असहनीय क्षण है. उनके जीवन की स्मृतियाँ अब मानवता के लिए एक शाश्वत मार्गदर्शक के रूप में बनी रहेंगी.
राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज का जीवन समाज के लिए एक आदर्श था. उन्होंने प्रेम, शांति, धर्म, सेवा और सद्भाव का संदेश दिया और अपने उपदेशों से समाज को सही दिशा दिखायी. राज्यपाल ने यह भी कहा कि स्वामी जी के द्वारा किए गए कार्य सदैव लोगों को प्रेरित करते रहेंगे और उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा.
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि महाराज जी का स्वर्गवास हमारे लिए एक अपूर्णीय क्षति है और उनकी दी गई शिक्षाएं हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी.
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि महाराज जी का स्वर्गवास पूरे समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. उन्होंने यह भी कहा कि महाराज जी द्वारा दी गई शिक्षाएं हमेशा हमें धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेंगी.
हिन्दुस्थान समाचार