शिमला: मंडी और लाहौल स्पीति जिलों में भूस्खलन और हिमखंड गिरने की घटनाएं सामने आई हैं. दोनों हादसों में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है.
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी से पंडोह के बीच 4 मील के पास एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. मौसम साफ होने के बावजूद पहाड़ी का एक हिस्सा दरक गया, जिससे भारी पत्थर और मलबा नीचे गुजर रही दो कारों पर गिर गया. गनीमत रही कि कारों में सवार यात्रियों ने सतर्कता दिखाते हुए समय रहते भागकर अपनी जान बचा ली.
अचानक दरकी पहाड़ी, मलबे की चपेट में आईं दो कारें
दिल्ली के आठ यात्री दो कारों (एचआर 51 सीएम 4413) और (डीएल 9सी बीएच 4270) में सफर कर रहे थे. वे मनाली से घूमकर वापस दिल्ली लौट रहे थे. जब वे 4 मील के पास पहुंचे, तभी अचानक पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिरने लगा. स्थिति को भांपते हुए यात्रियों ने समझदारी दिखाई और तुरंत कारों से निकलकर सुरक्षित स्थान की ओर भाग गए. देखते ही देखते पहाड़ी से भारी मलबा गिरने लगा और दोनों कारें उसकी चपेट में आ गईं.
भूस्खलन से एक कार को ज्यादा नुकसान पहुंचा, जबकि दूसरी कार को हल्की क्षति हुई. राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी को भी चोट नहीं आई. दुर्घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद निर्माण कंपनी की मशीनरी से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया. इस भूस्खलन के कारण हाईवे करीब दो घंटे तक बंद रहा.
दो घंटे बाधित रहा यातायात, मलबा हटाकर हाईवे किया बहाल
भूस्खलन के चलते हाईवे पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया. लोक निर्माण विभाग और निर्माण कंपनी की मशीनें तुरंत हरकत में आईं और मलबा हटाने का काम शुरू किया गया. दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम 5 बजे हाईवे को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया.
गौरतलब है कि इसी स्थान के पास दो दिन पहले भी भारी भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण हाईवे कई घंटों तक बंद रहा था. लगातार पहाड़ों से गिर रहे पत्थरों के कारण इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों में डर का माहौल बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में बार-बार हो रहे भूस्खलन से हाईवे पर सफर करना जोखिम भरा होता जा रहा है.
पंडोह पुलिस चौकी प्रभारी अनिल कटोच ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है.
लाहौल-स्पीति में आईटीबीपी कैम्प के पास हिमस्खलन, बड़ा हादसा टला
लाहौल-स्पीति जिले में भी बड़ा हादसा होने से टल गया. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार काजा उपमंडल के गुए क्षेत्र में एक हिमस्खलन हुआ. उस समय भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकारी बर्फ हटाने का कार्य कर रहे थे.
हिमस्खलन काफी ताकतवर था और तेजी से नीचे की ओर बढ़ा, लेकिन सौभाग्य से यह आईटीबीपी कैंप से 200 फीट पहले ही रुक गया. इससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई. किसी के घायल होने की भी कोई सूचना नहीं है. प्रशासन ने इस क्षेत्र में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
हिन्दुस्थान समाचार