दैनिक भास्कर ने बीते दिनों हिन्दुओं की आस्था के महापर्व दिव्य भव्य महाकुंभ को लेकर कई सारे प्रोपेगेंडा फैलाए है. इसके लिए दैनिक भास्कर पर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग और कुप्रबंधन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगा है और भगदड़, दुर्घटनाओं और प्रशासनिक विफलताओं पर ध्यान केंद्रित कर इस आयोजन के आध्यात्मिक महत्व को कम करने का भी आरोप लगा है. हम आपको इस रिपोर्ट के माध्यम से दैनिक भास्कर के द्वारा फैलाए गए मुख्य 10 प्रोपेगेंडा को एक-एक बता रहे हैं.
दैनिक भास्कर ने 23 फरवरी को एक खबर छापी थी. जिसमें लिखा था कि महाकुंभ गए हर 10 में से 9 लोग ठगे गए, लोगों ने फ्लाइट के लिए 300% महंगी टिकट खरीदी, 67% लोगों ने नाव और टेंट के 4 गुना पैसे चुकाए. दैनिक भास्कर ने ये आंकड़े ‘लोकल सर्कल्स’ के एक सर्वे से लिए थे. इस वेबसाइट पर आधिकारिक आंकड़े सार्वजनिक नहीं है. फिर भी भास्कर ने इसे सोर्स के रूप में प्रयोग किया.
संगम के जल को लेकर भी उठाए गए थे सवाल
वहीं भास्कर ने 20 फरवरी 2025 को अपने एक्सप्लेनर में लिखा कि महाकुंभ के पानी में तय मानक से 13 गुना ज्यादा फीकल कोलीफॉर्म यानी मल वाला बैक्टीरिया मिला है. संगम का पानी नहाने योग्य नहीं है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपी गई सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है जबकि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह ने आंकड़ो में गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए और विवादस्पद सीपीसीबी रिपोर्ट के निष्कर्ष पर सवाल उठाए और कहा कि संगम में पानी की गुणवत्ता स्नान के लिए उपयुक्त है या नही. पद्मश्री से सम्मानिक वैज्ञानिक डॉ अजय कुमार सोनकर, जो पहले मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ वैज्ञानिक चर्चा में शामिल थे. उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में साबित किया कि कुंभ का जल न सिर्फ नाहने के लिए उपयुक्त है बल्कि पीने जितना शुद्ध है.
बोर्ड परीक्षा रद्द की वजह बताई महाकुंभ, झूठी खबर
23 फरवरी 2025 को दैनिक भास्कर ने एक आर्टिकल में लिखा महाकुंभ में 60 करोड़ श्रद्धालु आए, प्रयागराज के लोग अपने घरों में एक तरह से लॉक हो गए हैं. शहर में एक चौराहे से दूसरे चौराहे तक जाने में लोगों को 4 से 5 घंटे लग रहे हैं. यही नहीं दैनिक भास्कर ने लिखा कि इतनी परेशानी है कि यूपी बोर्ड ने 34 फरवरी को होने वाली 10वी-12वीं की परिक्षाएं रद्द कर दी है. जबकि हकीकत ये है कि प्रशासनिक कारणों से केवल 24 फरवरी को होने वाली परीक्षा रद्द हुई थी. लेकिन भास्कर ने लिखा कि महाकुंभ के वजह से हुई है. ये खबर पूरी तरह से प्रोपेगेंडा वाली थी.
एक्सीडेंट में हुई मौतों को लेकर भी फैलाया प्रोपेगेंडा
वहीं भास्कर ने 25 फरवरी को एक और प्रोपेगेंडा आर्टिकल लिखा. जिसमें ये था कि महाकुंभ के 43 दिनों में 100 से ज्यादा एक्सीडेंट में 150 लोगों की मौत हुई. और 385 घायल हुए. हादसा की वजह थकान और पहुंचने में जल्द बाजी रही. लेकिन जो आंकड़े भास्कर की तरफ से जारी किए गए उसमें निजी कारणों से हुए एक्सीडेंट भी थे न कि सिर्फ कुंभ से संबंधित लेकिन भास्कर ने इन आंकड़ों में उन्हें भी जोड़ दिया.
सफाईकर्मियों के वर्किंग ऑवर को लेकर झूठी खबर छापी
भास्कर के प्रोपेगेंडा फैलाने का खुलासा 19 फरवरी को भी होता है. जिसमें भास्कर ने लिखा कि महाकुंभ में सफाईकर्मियों को 10 हजार की सैलरी पर 6 से 17 घंटे काम करना पड़ता है. सुबह 2-3 बजे उन्हें ले जाकर टॉयलेट साफ करवाते हैं. दैनिक भास्कर ने चुनिंदा सफाइकर्मियों से इंटरव्यू लिया और ये दिखाने की कोशिश की कि सभी कर्मचारियों के साथ ऐसा हो रहा है. लेकिन आजतक, न्यूजनेशन और ब्रूट मीडिया ने जब सफाईकर्मचारियों का इंटरव्यू लिया तो कर्मचारियों ने कहा कि वो 8 घंटे काम करते हैं और उन्हें 15 दिन में ही पैसे मिल जाते हैं.
शौचालय ना होने की भास्कर की खबर निकली झूठी
29 जनवरी 2025 को ये रिपोर्ट भास्कर की तरफ से जारी की गई. इसमें भास्कर ने महाकुंभ की भीड़ का जिक्र किया और बताया कि शौचालय के लिए टूरिस्ट परेशान है. भास्कर के अनुसार शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. लेकिन नगर निगम का साफ कहना है कि शहर में विभिन्न विद्यालय एवं सार्वजनिक स्थानों पर निशुल्क शौचालय की व्यवस्था कराई गई है और 23 मोबाइल टॉयलेट लगाए गए हैं. साथ ही शौचालय की सफाई के लिए 700 से ज्यादा सफाईकर्मी लगाए गए थे.
25 फरवरी 2025 को दैनिक भास्कर ने अपनी वीडियो के जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई कि गंगा का पानी गंदा है और श्रद्धालु इसे साफ बोल रहे हैं. लेकिन एबीपी न्यूज पर पवन नाम के फिटनेस कोच ने सार्वजनिक रूस से कुंभ के पानी का पीएच टेस्ट किया जिसमें पीएच 7 से उपर निकला, जो नहाने और याचमन के लिए उपयुक्त पानी की गुणवत्ता थी.
भगदड़ में हुई मौतों का फर्जी आंकड़ा
30 जनवरी 2025 को दैनिक भास्कर ने बताया कि भगदड़ तीन जगह हुई और तीनों भगदड़ में मौत का आंकड़ा 59 बताया. लेकिन उसके बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने जब कहा कि 30 मौतें हुई और 60 घायल हुए. तब भी भास्कर ने कयास लगाकर अपने मनमुताबिक आंकड़े पेश किए. और लोगों में भय का माहौल बनाया.
वॉटर एटीएम को लेकर भी गलत रिपोर्ट छापी
वहीं अपनी एक रिपोर्ट में दैनिक भास्कर ने 23 फरवरी 2025 को बताया कि महाकुंभ में वाटर एटीएम की कमी है. इतनी समस्या है कि 20रु. की बोटल 30 में मिल रही है. 5 रु का पानी का पाउच 20 में मिल रहा है. लेकिन असल में वाटर एटीएम वहां जगह-जगह लगे हुए थे. और वो भी फ्री में.
इसके अलावा भास्कर ने 21 फरवरी को अपनी ग्राउंड रिपोर्ट के नाम पर एक सुनियोजित नकली बाबा की वीडियो बनाई. ये रिपोर्ट भास्कर ने उस समय पर बनाई जब कुछ बाबाओं की आलोचना हो रही थी. इस तरह की ग्राउंड रिपोर्ट पेश कर भास्कर ने ये सामने लाने की कोशिश की, कि कुंभ में अधिकांश बाबा ये कर रहे हैं.