शिमला: जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री दस्तावेज होने के बावजूद झूठ बोल रहे हैं. जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी की अध्यक्ष और मंत्री यह मानते हैं कि मंदिरों से पैसे की मांग की जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री इस पर झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं.
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि दो साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता आम जनमानस नहीं है. उन्होंने कहा, “सरकार ने अब तक किसी भी योजना में आम जनता के हित के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई है. सरकार का सारा ध्यान अपने मित्रों, सलाहकारों और मुख्य संसदीय सचिवों पर है, जिन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि सरकार ने नियमों के खिलाफ संसदीय सचिवों को प्रदेश पर थोप दिया है और इनको बचाने के लिए कानूनी लड़ाई में भी करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं. जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि उन योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, जिनके लिए सरकार मंदिरों से पैसे की मांग कर रही है, लेकिन इन योजनाओं के असली लाभार्थियों के लिए पर्याप्त पैसा नहीं रखा गया है.
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर यह भी आरोप लगाया कि वे केंद्र सरकार से आने वाले पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे राज्य ट्रेजरी में डायवर्ट कर रहे हैं, जिससे विकास कार्य ठप हो गए हैं. उन्होंने कहा, “सरकार जहां अपनी मित्र मंडली को फायदा पहुंचाती है, वहीं आम हिमाचली के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है.”
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आने के बाद केवल प्रदेशवासियों की जेबें टटोली हैं. डीजल की कीमत में वृद्धि, बिजली की सब्सिडी खत्म करना, राशन की कीमतें बढ़ाना, और नौकरी से लोगों को निकालने जैसे कदमों के बारे में उन्होंने सवाल उठाए.
उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों से मदद मांगने का आधिकारिक दस्तावेज सार्वजनिक हो चुका है और पार्टी की अध्यक्ष एवं मंत्री इसे स्वीकार कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री खुलेआम झूठ बोल रहे हैं. जयराम ठाकुर ने कहा, “मुख्यमंत्री को इस झूठ के लिए माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उनका यह झूठ उनकी नीयत को उजागर करता है.
हिन्दुस्थान समाचार