शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से जारी भारी बारिश और बर्फबारी का दौर शनिवार को थम गया. प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आज मौसम साफ है और खिली धूप से लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली. हालांकि लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू और किन्नौर में अब भी हालात सामान्य नहीं हैं. भारी बर्फबारी के कारण राज्य भर में 500 से अधिक सड़कें अब भी बाधित हैं, जबकि लगभग दो हजार विद्युत ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं. कई इलाकों में ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है.
शिमला में खुला मौसम, लेकिन जनजीवन प्रभावित
राजधानी शिमला में दो दिन से जारी वर्षा और बर्फबारी का सिलसिला थम गया है. बीते दिन हुई हल्की बर्फबारी के कारण नारकंडा, कुफरी, देहा-खिड़की और डोडरा-क्वार में कई सड़कें अब भी बंद हैं. जिले में चार मुख्य मार्गों सहित 43 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं जिन्हें खोलने का कार्य जारी है. वहीं 104 ट्रांसफार्मरों के ठप होने से बिजली आपूर्ति बाधित है, जबकि 24 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं.
लाहौल-स्पीति में चार दिन की बर्फबारी के बाद खुला मौसम, बढ़ा एवलांच का खतरा
जनजतीय जिला लाहौल-स्पीति में लगातार चार दिन की बर्फबारी के बाद शनिवार को मौसम साफ हुआ. हालांकि लाहौल घाटी अब भी देश-दुनिया से सड़क मार्ग से कटी हुई है. 48 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण कई गांव अंधेरे में हैं. जिले के सभी मुख्य व संपर्क मार्ग अब भी बंद हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
भारी बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन ने जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं. मौसम साफ होने के बाद एवलांच का खतरा बढ़ गया है. प्रशासन ने लोगों को अनावश्यक यात्रा न करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है.
चंबा में शीतलहर का प्रकोप, 165 सड़कें बंद
चंबा जिले में लगातार तीन दिनों तक बारिश और ऊपरी चोटियों पर बर्फबारी के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है. हालांकि शनिवार को हल्के बादलों के बीच धूप खिली, जिससे कुछ राहत मिली. जनजातीय क्षेत्र पांगी में सबसे ज्यादा करीब 4 फीट बर्फ गिरी है जबकि भरमौर और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में भी भारी हिमपात हुआ है. खराब मौसम के कारण चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग, चंबा-पठानकोट वाया जोत, खजियार-डलहौजी, चंबा-तीसा, चंबा-होली और चंबा-पांगी वाया साच पास सहित 165 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं. जिले में 513 ट्रांसफार्मर ठप हैं और 116 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं.
कुल्लू में भूस्खलन से नुकसान, कई घरों को खतरा
कुल्लू में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं. गांधी नगर में नाले के पास दो स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए. देर शाम कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए. भूस्खलन के कारण कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है और कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है.
किन्नौर और अन्य जिलों में भी जनजीवन प्रभावित
किन्नौर, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा में शनिवार को मौसम साफ रहा और धूप निकली. लेकिन बीते दिनों की बारिश और बर्फबारी के चलते इन जिलों में ठंड बढ़ गई है.
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार खदराला में 20 सेंटीमीटर, कोठी में 15 सेंटीमीटर, निचार में 5 सेंटीमीटर, जोत में 4 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है. वहीं भुंतर में 112 मिमी, जोत और जोगिंदरनगर में 108-108 मिमी, सियोबाग में 106 मिमी, बंजार में 92 मिमी, धर्मशाला में 85 मिमी, मनाली में 82 मिमी, बैजनाथ में 78 मिमी, पालमपुर में 75 मिमी, करसोग में 68 मिमी और रामपुर में 60 मिमी बारिश हुई.
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है. लाहौल-स्पीति के केलांग में न्यूनतम तापमान -6.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. शिमला में यह 3.6, मनाली में 0.2, भरमौर में 0.9 और सियोबाग में 1.5 डिग्री सेल्सियस रहा.
मौसम विभाग ने आगामी चार मार्च तक राज्य के पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है, जबकि पांच से सात मार्च तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का अनुमान है.
हिन्दुस्थान समाचार