शिमला. हिमाचल प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में लगातार अहम फैसले ले रही है. इसी कड़ी में सरकार ने प्रदेश के चिकित्सकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इसके तहत एमबीबीएस स्नातकों को स्नातकोत्तर (पीजी) अध्ययन या विशिष्ट प्रशिक्षण के दौरान पूरा वेतन दिया जाएगा.
अब तक अध्ययन अवकाश के दौरान चिकित्सकों को केवल 40 प्रतिशत वेतन मिलता था, जिससे उनके लिए उच्च चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो रहा था.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को बताया कि सरकार के इस नए फैसले से न केवल डॉक्टरों को बेहतर शिक्षा हासिल करने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या में भी वृद्धि होगी. इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा और आमजन को अधिक सुलभ व उन्नत चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी.
राज्य में ही मिलेगी बेहतर चिकित्सा शिक्षा
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय चिकित्सा शिक्षा को और अधिक सशक्त बनाएगा. अध्ययन के दौरान चिकित्सक अपने शैक्षणिक दायित्वों के साथ-साथ मरीजों की देखभाल भी करते हैं, जो उनके पेशेवर विकास और स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक है. अध्ययन अवकाश पर पूरा वेतन मिलने से चिकित्सकों को वित्तीय चिंता से मुक्ति मिलेगी और वे अपनी उच्च शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की इस पहल से हिमाचल प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे मरीजों को राज्य में ही बेहतर उपचार उपलब्ध हो सकेगा. अब मरीजों को जटिल बीमारियों के इलाज के लिए अन्य राज्यों का रुख करने की जरूरत नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है. सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों में अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों की खरीद की जा रही है, जिससे प्रदेश में ही उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशिष्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या बढ़ने से सरकारी अस्पतालों की सेवाओं में सुधार होगा. इससे दूरदराज के इलाकों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी और प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली अधिक सक्षम व प्रभावी होगी.
हिन्दुस्थान समाचार