Himachal Pradesh: “तीसरी कक्षा का बच्चा दूसरी कक्षा का विषय समझता है या नहीं?”—इस विषय पर आधारित होम-बेस्ड सर्वे में हिमाचल प्रदेश ने शानदार प्रदर्शन किया. यह सर्वे, जिसे एनुअल एजुकेशन सर्वे कहा जाता है, समग्र शिक्षा योजना के तहत किया जाता है. इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों की शिक्षा और उनकी सीखने की क्षमता का मूल्यांकन करना होता है.
इस सर्वे में डाइट नाहन के प्रशिक्षुओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और घर-घर जाकर रैंडम आधार पर जानकारी एकत्रित की. इस वर्ष के सर्वे का विषय था, “क्या तीसरी कक्षा का बच्चा दूसरी कक्षा का विषय समझता है?” और इस सर्वे में प्रदेश के 14 डाइट संस्थानों और तीन शिक्षा खंडों ने भाग लिया.
हिमाचल प्रदेश ने इस सर्वे में पहली बार 46 प्रतिशत अंक प्राप्त कर राज्य स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है. यही नहीं नाहन के डाइट प्रशिक्षुओं द्वारा किए गए इस उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देते हुए उन्हें सम्मानित किया गया.
सिरमौर जिले की उप निदेशक (गुणवत्ता एवं समग्र शिक्षा) रीता गुप्ता ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि सर्वे रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश और सिरमौर जिला को प्रथम स्थान मिला है. इस उपलब्धि से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
यह सर्वे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है और इसमें डाइट संस्थान और शिक्षा विभाग की सक्रिय भागीदारी रहती है जिसका उद्देश्य शिक्षा योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सूचनाएं एकत्रित करना है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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