Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में रोजगार के मुद्दे पर सियासी घमासान तेज हो गया है. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने दो साल के कार्यकाल में 42 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर दिए हैं, जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल में केवल 55,431 सरकारी नौकरियां दी थीं.
विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा केंद्र से हिमाचल को मिलने वाली आर्थिक सहायता को रोकने का प्रयास कर रहे हैं, जो राज्य के विकास में बाधा बन रहा है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि हमने दो साल में 42 हजार युवाओं को रोजगार दिया, जिनमें से 20,254 नौकरियां सरकारी क्षेत्र में दी गईं. इसके अलावा पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में भर्ती घोटालों के कारण रुकी हुई भर्तियों को भी मौजूदा सरकार ने फिर से शुरू किया है.
नई भर्तियों की प्रक्रिया जल्द
विक्रमादित्य सिंह ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही 25 हजार नए पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करेगी, जिससे प्रदेश के युवाओं को और अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा सरकार पर प्रदेश को कर्ज के बोझ तले छोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पूर्व सरकार प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज छोड़कर गई, जबकि मौजूदा सरकार प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में 443 औद्योगिक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. साथ ही, राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
केंद्र से सहयोग न मिलने का आरोप
विक्रमादित्य सिंह ने केंद्र सरकार पर हिमाचल के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को बजट में विशेष पैकेज दिया गया, जबकि हिमाचल में आपदा से भारी नुकसान होने के बावजूद एक पैसा भी नहीं मिला. उन्होंने कहा कि हिमाचल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं है और केंद्र पर निर्भर है, लेकिन केंद्र की हर फंडिंग में हिमाचल की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि राजनीति केवल राजनीति के लिए नहीं होनी चाहिए. विपक्ष को प्रदेश के हित में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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