जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आंतकी हमले को आज 6 साल पूरे हो गए हैं. साल 2019 में आज के ही दिन दोपहर करीब 3 बजे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया था. इस आतंकी हमले में 40 जवान बलिदान हो गए थे. बता दें सीआरपीएफ काफिले की 78 बसें जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से गुजर रहा था. इसी दौरान अवंतीपोरा के गोरीपोरा के पास पर एक वाहन काफिले के बिल्कुल पास आ गया. जवानों ने उस वाहन सवार को दूर रहने के कहा लेकिन इसने सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी. कार वाहनों से टकराई वह विस्फोटक से भरी हुई थी. जिसके बाद तेज विस्फोट हुआ और हमारे 40 जवान बलिदान हो गए.
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इस हमले ने भारतीयों को झकझोर कर रख दिया. पूरे देश में गुस्सा था और हर भारतीय की आंख नम थी. देश के कोने-कोने से वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. कैंडल मार्च निकाले गए. उस समय पीएम मोदी ने कहा था जो आघ हर भारतीय के दिल में है वहीं इस प्रधानमंत्री के दिल में भी है. पीएम मोदी ने आंतक के आकाओं को कायराना हमले की कीमत चुकाने की चेतावनी दी.
पुलवामा हमले के 12 दिन बाद 25 फरवरी को देर रात भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की और पाकिस्तान में घुसकर 300 आतंकियों को मार गिराया. सरकारी दावों की मानें, तो वायुसेना के 2 हजार विमानों ने इलाके में आतंकियों के कैंपों पर करीब 1 हजार किलो बम गिराए. 1971 के बांग्लादेशी युद्ध को बाद यह पहली बार था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तानी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया हो.
इसके बाद जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाई गई और उसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया. जम्मू-कश्मीर में आंतक के सफाए के लिए सेना और पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन को ऑपरेशन ऑल आउट नाम दिया गया. चुनचुन कर आतंकवादियों को मार गिराया. सरकार ने रेल-रोड कैनेक्टिवी बूस्ट की. बॉर्डर एरिया में भी बीआरओ ने रोड बनवाएं. जम्मू-कश्मीर में पहली बार चुनाव शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए. आतंकवाद पर बहुत हद तक लगाम लग गई है लेकिन अभी भी आतंकी छुपकर कायराना हरकत करने से बाज नहीं आते. हमारे सेना और पुलिस के जवान उन्हें इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देते हैं. अब भारत का अगला लक्ष्य पाक अधिकृत कश्मीर को वापस लाने का है. वह भी बहुत जल्द पूरा होगा.