शिमला: हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की आज गुरूवार को होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया गया है. अब यह बैठक 15 फरवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निजी कार्यक्रम और दो मंत्रियों के विदेश दौरे के चलते बैठक को टालना पड़ा है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री के वायरल संक्रमण से उबरने को भी स्थगन का कारण बताया जा रहा है.
यह बैठक आगामी विधानसभा बजट सत्र की तारीखों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण के मसौदे पर चर्चा होने की संभावना है, जो बजट सत्र के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा. अनुमान है कि बजट सत्र मार्च के पहले सप्ताह में शुरू होकर महीने के अंत तक चल सकता है.
बैठक में केंद्र सरकार की मंजूर यूपीएस (यूनीफाइड पेंशन स्कीम) पर भी चर्चा की संभावना है. पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इसे बैठक में लाए जाने की बात कही थी. अगर राज्य सरकार यूपीएस को लागू करती है, तो प्रदेश को 1600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त ग्रांट मिल सकती है. इसके साथ ही केंद्र सरकार के पास एनपीएस के तहत फंसे करीब 9 हज़ार करोड़ रुपये प्राप्त करने के रास्ते भी खुल सकते हैं.
इसके अलावा प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए भी इस बैठक में कड़े फैसले लिए जा सकते हैं. चिट्टा तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना पर चर्चा होने की संभावना है, ताकि युवाओं को नशे के जाल से बचाया जा सके.
कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग में बड़े बदलावों पर भी विचार किया जाएगा. राज्य सरकार स्कूल और कॉलेज स्तर पर अलग-अलग निदेशालय गठित करने की योजना बना रही है. वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के तहत पहली से आठवीं कक्षा और उच्च शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत नौवीं से बारहवीं और कॉलेज आते हैं. नए प्रस्ताव के तहत स्कूल स्तर पर एक और कॉलेज स्तर पर दूसरा निदेशालय खोलने की योजना है, जिससे शिक्षा प्रणाली को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सके.
इसके अलावा बैठक में राज्य की मौजूदा प्रशासनिक चुनौतियों और विकास योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा होने की संभावना है. प्रदेश में विभिन्न विभागीय मुद्दों पर विचार-विमर्श कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार