शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बिजली बोर्ड को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तानाशाही भरे तुगलकी फैसलों से बाज आएं. उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता में आने के बाद से ही बिजली बोर्ड को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि पहले सरकार ने बिजली बोर्ड में कथित घोटाले उजागर करने की कोशिश की, लेकिन उसमें असफल रहने के बाद अब पदों को खत्म कर कर्मचारियों को बेरोजगार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार युक्तिकरण के नाम पर बिजली बोर्ड में नौकरियां समाप्त कर रही है, जिससे हजारों कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है.
51 पद समाप्त, 81 आउटसोर्स कर्मचारी निकाले
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने अब तक बिजली विभाग में 51 महत्वपूर्ण पद समाप्त कर दिए हैं. इसके अलावा, 81 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. सरकार ने प्रदेश भर में विभिन्न विभागों में खाली पड़े करीब 1.70 लाख पदों को भी खत्म कर दिया है. अब युक्तिकरण के नाम पर बिजली बोर्ड से 700 पद समाप्त कर दिए गए हैं, जिससे बोर्ड के कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी रोष है.
बिजली बोर्ड के सुदृढ़ीकरण की बजाय नौकरियों पर हमला
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को बिजली बोर्ड को मजबूत करने और प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय जनता पर बिजली दरों में वृद्धि का बोझ डाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार बिजली उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार लाने के बजाय गलत फैसलों से बिजली बोर्ड की स्थिति बिगाड़ रही है.
हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट ठप, भाजपा ने खोला ‘कच्चा चिट्ठा’
भाजपा ने पहले भी प्रदेश सरकार पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को गति न देने और निजी पन बिजली कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए थे. जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के माध्यम से इस मामले को जनता के सामने रखा था.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सरकार की नीतियों के कारण यह क्षेत्र पिछड़ रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि प्रदेश और बिजली बोर्ड की आय बढ़ाने के लिए जनता पर टैक्स बढ़ाने और नौकरियां खत्म करने के बजाय वैकल्पिक उपायों पर विचार करें.
हिन्दुस्थान समाचार