शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और सुपरस्पेशिएलिटी संस्थानों में संकाय नियुक्तियों के लिए कॉमन कैडर स्थापित करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है. इस कदम से चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है. अभी तक कॉलेज-विशिष्ट कैडर प्रणाली के तहत संकाय की नियुक्तियां होती थीं जिससे नव स्थापित चिकित्सा महाविद्यालयों में संकाय की कमी और प्रशासनिक असमानता जैसी चुनौतियां सामने आती थीं.
एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार की इस नई पहल के तहत एकीकृत संरचना विकसित की जाएगी जिससे संकाय भर्ती, करियर प्रगति और अंतर-संस्थागत स्थानांतरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके. इससे सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सेवा शर्तों में सामंजस्य स्थापित होगा और चिकित्सा शिक्षकों को समान अवसर मिलेंगे.
योग्यता आधारित पदोन्नति प्रणाली को बढ़ावा
प्रवक्ता ने कहा कि कॉमन कैडर प्रणाली लागू होने के बाद भर्ती प्रक्रियाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और करियर उन्नति के लिए एक मानक प्रणाली तैयार की जाएगी. इससे न केवल संकाय सदस्यों का बेहतर उपयोग संभव होगा बल्कि संसाधनों का कुशलतापूर्वक आवंटन भी किया जा सकेगा. सरकार का उद्देश्य योग्यता आधारित पदोन्नति प्रणाली को बढ़ावा देना और करियर विकास में असमानताओं को दूर करना है.
इस पहल के तहत चिकित्सा शिक्षा संस्थानों के प्रबंधन को भी सुदृढ़ किया जाएगा और इससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी.
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के प्रति सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि कॉमन कैडर प्रणाली लागू होने से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित होंगे और राज्य के नागरिकों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था विकसित होगी.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भ पढ़ें- उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बसंत पंचमी पर बेटी संग महाकुंभ में लगाई पवित्र डुबकी