शिमला: हिमाचल प्रदेश में हुए करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो प्रमुख निजी शिक्षण संस्थानों से जुड़े व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में कालाअंब स्थित हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के एमडी के भाई विकास बंसल और इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड फ्यूचर मैनेजमेंट ट्रेंड्स (आईटीएफटी) न्यू चंडीगढ़ के संचालक गुलशन शर्मा शामिल हैं.
ईडी की टीम ने पहले पंचकूला में छापेमारी की और फिर शिमला में दबिश देकर दोनों को हिरासत में लिया. पंचकूला के सेक्टर-16 स्थित कोठी नंबर 376 से विकास बंसल को गिरफ्तार किया गया, जबकि शिमला में गुलशन शर्मा की गिरफ्तारी हुई. दोनों को शिमला लाकर पूछताछ की जा रही है.
बीती रात करीब आठ बजे दोनों आरोपियों का दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में मेडिकल परीक्षण करवाया गया. जिसके बाद उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. इस घोटाले से जुड़ी जांच उस समय और तेज हो गई जब प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व सहायक निदेशक विशालदीप पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे. आरोप है कि विशालदीप ने इस मामले में निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. कहा गया कि रिश्वत देने पर गिरफ्तारी से बचा जा सकता था.
इन आरोपों के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की और सबसे पहले विशालदीप के भाई को गिरफ्तार किया. छापेमारी के दौरान 55 लाख रुपये नकद बरामद किए गए. विशालदीप कई दिनों तक सीबीआई से बचते रहे. लेकिन 18 दिन बाद उन्हें मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया.
इसके अलावा इस घोटाले में एक और बड़ा खुलासा तब हुआ जब सीबीआई ने अपने ही डीएसपी बलबीर सिंह को गिरफ्तार किया. बलबीर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत की रकम में 10 फीसदी कमीशन मांगा था. उन्हें 20 जनवरी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया और 21 जनवरी को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2012 से 2017 के बीच हुए इस छात्रवृत्ति घोटाले में 32,000 से अधिक विद्यार्थियों के हक की राशि विभिन्न शिक्षण संस्थानों द्वारा हड़प लिए जाने का आरोप है. इस घोटाले में करीब 181 करोड़ रुपये का गबन किया गया. जिसमें छात्रों की स्कॉलरशिप राशि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से निकाली गई.
हिन्दुस्थान समाचार