शिमला: हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. भाजपा और कांग्रेस के बीच कर्ज के बढ़ते बोझ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. विपक्ष जहां मौजूदा सरकार को राज्य की बिगड़ती वित्तीय स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है. वहीं कांग्रेस सरकार का कहना है कि उसे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की देनदारियों को चुकाने के लिए कर्ज़ लेना पड़ रहा है.
प्रदेश के वित्तीय हालातों पर भाजपा के हमलों का जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने विपक्ष पर सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा को राज्य के विकास और आर्थिक मजबूती के लिए सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए न कि बेवजह अफवाहें फैलानी चाहिए.
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि भाजपा सरकार जब सत्ता से गई थी तब प्रदेश पर पहले से ही 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज़ था. इसके अलावा लगभग 10 हजार करोड़ रुपये कर्मचारियों की देनदारियों के रूप में बाकी थे. मौजूदा सरकार को इन देनदारियों का भुगतान करने के लिए भी अतिरिक्त कर्ज़ लेना पड़ा.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने 2022 से 2024 तक दो वर्षों में कुल 30,080 करोड़ रुपये का कर्ज़ लिया, जिसमें से 9,337 करोड़ रुपये पूर्व सरकार की देनदारियों को चुकाने में खर्च हुए.
मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस दौरान सरकार ने 18,854 करोड़ रुपये का कर्ज़ और ब्याज भी चुकाया है जो यह दर्शाता है कि सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में काम कर रही है.
धर्माणी ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों की वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हुई. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने अंतिम कार्यकाल में मुफ्त बिजली और पानी जैसी घोषणाओं से राजस्व को नुकसान पहुंचाया, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा.
उन्होंने कहा कि भाजपा अब जनता को गुमराह करने के लिए सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है. उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह प्रदेश को बदनाम करने के बजाय केंद्र सरकार से हिमाचल के लिए आर्थिक मदद दिलाने की पैरवी करे.
धर्माणी ने बताया कि सरकार ने एक साल में 2,631 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है और वित्तीय अनुशासन लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य में भी प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सख्त वित्तीय नीतियां अपनाएगी और विकास कार्यों को प्राथमिकता देगी.
हिन्दुस्थान समाचार