Maha Kumbh 2025: मौनी अमावस्या पर्व पर अमृत स्नान की इच्छा से बड़ी संख्या में आये श्रद्धालुओं से प्रयागराज महाकुम्भ पट चुका है. पूरा मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं के जयकारे से गूंज रहा है. संगम की रेती पर आस्था का सागर हिलोरें मार रहा है. श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के बाद दान पुण्य कर रहे हैं. श्रद्धालु शांतिपूर्ण तरीके से स्नान कर रहे हैं. मेला प्रशासन के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन सुबह 08 बजे तक 2.78 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी है. जिसमें कल्वास की संख्या 10 लाख शामिल है.
त्रिवेणी की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जत्थे जा रहे हैं. वहीं स्नान कर श्रद्धालु अपने गंतव्य की ओर रवाना भी हो रहे हैं. श्रद्धालुओं की सेवा में स्थान-स्थान पर लंगर भी लगाये गये हैं. भीड़ को देखते हुए पुलिस ने शहर की सड़कों पर बाइन न चलाने की अपील की है. शहरी क्षेत्र की सभी पार्किंग पहले ही फुल हो चुकी हैं. बाहर से चार पहिया लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को शहर से बाहर ही रोका जा रहा है.
संगम में पवित्र डुबकी की आस लिये महाकुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख संतों ने अपील जारी की है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें. स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है. उन्होंने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है. सीएम योगी ने सभी से अपील की है कि श्रद्धालुए किसी भी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें.
संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें
सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है. स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें. लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें. अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें. उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया.
आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें
बाबा रामदेव ने कहा है कि करोड़ों श्रद्धालुओं के इस हुजूम को देखते हुए हमने फिलहाल केवल सांकेतिक स्नान किया है. इसके साथ ही समूचे राष्ट्र और विश्व के कल्याण की कामनाा की गई है. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हम भक्ति के अतिरेक में न बहें और आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें. वहीं जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी कहा कि हमने फिलहाल सांकेतिक स्नान किया है.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी ने बताया कि इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं. इतनी बड़ी तादाद में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है. हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है. हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है.
हिन्दुस्थान समाचार