शिमला: शिमला पुलिस ने नशे के खिलाफ चल रहे मिशन क्लीन अभियान के तहत एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने शाह गैंग के नाम से कुख्यात ड्रग्स नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह हिमाचल प्रदेश से लेकर पूरे उत्तर भारत में नशे का जाल फैला चुका था. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि यह गैंग सोशल मीडिया और ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से संगठित तरीके से ड्रग्स की सप्लाई करता था.
इस हाई-प्रोफाइल मामले का खुलासा 14 अगस्त 2024 को हुआ. शिमला के सदर पुलिस स्टेशन की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर पुराने बस स्टैंड के पास स्थित हिमाचल होटल में छापा मारा. वहां से पुलिस ने दो आरोपियों रोहित पांडे और सुरज, दोनों दक्षिण दिल्ली के निवासी को गिरफ्तार किया. उनके पास से 6.38 ग्राम हेरोइन (चिट्टा) बरामद हुई.
इस गिरफ्तारी के बाद जांच की दिशा में बड़ा मोड़ आया. पुलिस ने इनसे पूछताछ के बाद मामले को विस्तार से खंगालना शुरू किया और 14 सितंबर और 4 अक्टूबर 2024 को शिमला जिले के तीन और आरोपियों जुगल किशोर, जितेंद्र वर्मा और आस्तिक चौहान को गिरफ्तार किया.
मुख्य सरगना कोलकाता से गिरफ्तार
मामले में सबसे बड़ा खुलासा 16 जनवरी 2025 को हुआ जब पुलिस ने उन्नत साइबर जांच उपकरणों का इस्तेमाल कर ड्रग्स सिंडिकेट के मुख्य सरगना संदीप शाह को कोलकाता से गिरफ्तार किया. संदीप शाह अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम का इस्तेमाल कर रहा था. पुलिस ने शाह को कोलकाता से एयरलिफ्ट कर शिमला लाया.
इसके बाद 19 जनवरी 2025 को शाह के मुख्य सहयोगी नीरज कश्यप जो दक्षिण दिल्ली के महरौली का निवासी है को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने 26 और 27 जनवरी को इस मामले में नौ और ड्रग्स पेडलरों को गिरफ्तार किया. ये सभी शिमला जिले के विभिन्न हिस्सों के निवासी हैं. गिरफ्तार युवकों में शुभम शांडिल निवासी रजाहना, संदीप धीमान निवासी रजाहना, संजय वर्मा निवासी चम्याणा, विशाल मेहता निवासी लोअर खलिनी, आशीष निवासी कोटखाई, प्रज्वल जस्ता निवासी पनोग, नितिन खेपन व धदवारी निवासी डोडरा क्वार औऱ अभिनव कंवर निवासी ठियोग शामिल हैं.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि शाह गैंग सोशल मीडिया और ऑनलाइन बुकिंग के जरिए ड्रग्स की सप्लाई करता था. यह गिरोह एक संगठित सप्लाई चेन के रूप में काम कर रहा था, जिसमें नशे का सामान शिमला से लेकर उत्तर भारत के कई हिस्सों में भेजा जाता था.
जांच में यह भी पाया गया कि शाह गैंग के मुख्य आरोपी संदीप शाह और नीरज कश्यप के बैंक खातों में 1.2 करोड़ से अधिक की संदिग्ध वित्तीय लेनदेन हुए हैं. पुलिस ने इस मामले में 17 लोगों के 21 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. इन खातों में लाखों रुपये जमा हैं.
साथ ही इन आरोपियों के पास से जब्त किए गए उपकरणों की जांच में यह पता चला है कि पिछले चार वर्षों में यह गिरोह शिमला को केंद्र बनाकर उत्तर भारत में अपना नेटवर्क चला रहा था.
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने पुष्टि करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी और ड्रग्स तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.
पहले भी हो चुका है ड्रग्स गैंग का भंडाफोड़
गौरतलब है कि इससे पहले शिमला पुलिस ने ड्रग्स तस्करी में शामिल शाही महात्मा, राधे और रंजन गैंग का भी भंडाफोड़ किया था. इन मामलों में भी बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां हुई थीं.
हिन्दुस्थान समाचार