शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का दावा करने वाली सरकार ने अब नंबरदारों को भी नहीं बख्शा है. पिछले 10 महीनों से प्रदेश के नंबरदार अपने मानदेय का इंतजार कर रहे हैं. सरकार की उदासीनता से उनकी परेशानी बढ़ गई है. जयराम ठाकुर ने कहा कि कम मानदेय पाने वाले इन लोगों का वेतन रोकने से पहले सरकार को उनकी जरूरतों और परिवार की जिम्मेदारियों पर भी ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने एक बयान में कहा कि मानदेय या वेतन, कर्मचारियों के परिवार के भरण-पोषण का प्रमुख साधन है. इससे ही वे राशन खरीदते हैं, बच्चों की शिक्षा और फीस का इंतजाम करते हैं. लेकिन सरकार की संवेदनहीनता के कारण इन लोगों को दस-दस महीने तक मानदेय के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि नंबरदारों का मानदेय तुरंत जारी किया जाए.
अस्थाई कर्मचारियों और इंटर्न डॉक्टरों की स्थिति पर भी जताई चिंता
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह स्थिति केवल नंबरदारों तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश भर में अस्थाई पदों और आउटसोर्स कर्मियों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छोटी-छोटी धनराशि पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी समय पर मानदेय नहीं मिल रहा है.
उन्होंने नाहन मेडिकल कॉलेज का जिक्र करते हुए कहा कि एमबीबीएस इंटर्नशिप कर रहे छात्रों को भी स्टाइपेंड नहीं दिया जा रहा है. यह स्टाइपेंड छात्रों के भरण-पोषण के लिए बेहद जरूरी है, ताकि वे परिवार पर निर्भर न रहें. सरकार का यह रवैया उन छात्रों के साथ अन्याय है.
ब्रांडिंग पर खर्च, लेकिन कर्मियों की अनदेखी
जयराम ठाकुर ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि करोड़ों रुपये व्यवस्था परिवर्तन की ब्रांडिंग पर खर्च करने वाली सरकार उन कर्मियों को नजरअंदाज कर रही है, जो व्यवस्था को बनाए रखने में योगदान दे रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे प्रदेश भर की स्थिति पर नजर रखें और जहां कहीं भी अन्याय हो रहा है, वहां दखल दें. उन्होंने कहा कि केवल व्यवस्था परिवर्तन का दावा करने से कुछ नहीं होगा, इसके लिए ठोस काम करने की जरूरत है.
हिन्दुस्थान समाचार