धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के धर्मशाला में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को राज्य सरकार की प्रमुख परियोजनाओं (फ्लैगशिप) के क्रियान्वयन को गति प्रदान कर समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 प्रदेश सरकार के लिए ‘परर्फोमिंग ईयर’ है और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करना चाहिए. उन्होंने मामलों को लम्बित रखने की प्रथा को ‘डीलेड करप्शन’ का नाम देते हुए इस प्रथा को समाप्त करने को कहा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सभी विभागों को पात्र लाभार्थियों तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने लोगों को प्रदान की जा रही सेवाओं में गुणवत्ता बनाए रखने पर बल देते हुए सभी विभागों को आवंटित की गई धनराशि का उपयोग वित्त वर्ष के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दे रही है. स्वास्थ्य संस्थानों में अत्याधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे ताकि प्रदेश के लोगों को घरद्वार के समीप बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित हों.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिला कांगड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. देहरा विधानसभा क्षेत्र के बनखंडी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का जूलॉजिकल पार्क स्थापित किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और यह कार्य अप्रैल, 2026 तक पूर्ण होने का अनुमान है. रक्कड़ और पालमपुर में हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए निविदाएं इस माह आमंत्रित की जाएंगी. इसके अतिरिक्त, पठानकोट-मंडी और मटौर-शिमला फोरलेन राजमार्ग का निर्माण कार्य जारी है. इन सड़कों पर पांच मीटर का मध्य क्षेत्र रखने के निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवारों के चयन के लिए मानदंड बदले जा रहे हैं, उनकी आय सीमा बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये वार्षिक की जा रही है और इस साल अप्रैल में नया सर्वेक्षण शुरू होगा. उन्होंने अधिकारियों को कांगड़ा जिला में किसानों की आय बढ़ाने के लिए ड्रैगन फ्रूट और ब्लूबेरी जैसे फलों की खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इंतकाल अदालतों के माध्यम से लंबित राजस्व मामलों का समाधान कर लोगों को लाभान्वित किया है. जिला कांगड़ा में इंतकाल के 68,227 मामले, तकसीम के 5,283 मामले, निशानदेही के 6,429 मामले तथा राजस्व त्रुटियों के 1910 मामलों का निपटारा किया है.
हिन्दुस्थान समाचार