शिमला: जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है और वह समाज हर क्षेत्र में उन्नति की नई ऊंचाइयों को छूता है. यह विचार स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने व्यक्त किए. वह ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे. यह अभियान आठ मार्च तक जारी रहेगा.
मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और उन्हें समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि सशक्त भारत के निर्माण के लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है. जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं, तो वे अपने जीवन से जुड़े निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होती हैं.
डॉ. शांडिल ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, महिला स्वरोजगार योजना और विधवा पुनर्विवाह योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है. इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं.
बेटियों को सम्मानित करने की नई पहल
‘धी’ (डॉटर्स हेल्पिंग इम्पावरिंग द इकोनॉमी), ‘देना है एक इनाम बेटी के नाम’ और ‘म्हारी छोटी-म्हारी शान’ जैसी योजनाओं के माध्यम से जीवन में संघर्ष कर सफलता हासिल करने वाली बेटियों को सम्मानित किया जा रहा है. इन पहलों का उद्देश्य अन्य महिलाओं को प्रेरित करना है कि वे बड़े लक्ष्यों का चयन करें और मेहनत से उन्हें प्राप्त करें.
कन्या भ्रूण हत्या में गिरावट और लिंग अनुपात में सुधार
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना और अन्य महिला केंद्रित कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या में तेज गिरावट और लिंग अनुपात में सुधार हुआ है.
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का जिक्र
डॉ. शांडिल ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा बालिका आश्रम में बेटियों को दिए आश्वासन का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 6,000 निराश्रित बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है. मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत इन बच्चों की हर जरूरत का ध्यान रखा जा रहा है.
समाज में बढ़ते नशे पर चिंता
डॉ. शांडिल ने प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे नशे के चलन पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे समाज से इस बुराई को खत्म करने में सरकार का साथ दें.
सम्मान और जागरूकता के कार्यक्रम
कार्यक्रम में 10वीं और 12वीं कक्षा की मेधावी छात्राओं तथा विभिन्न क्षेत्रों में सफल महिलाओं को सम्मानित किया गया. बेटी जन्मोत्सव के तहत अभिभावकों को बधाई पत्र वितरित किए गए. छोटी बालिकाओं ने महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करती परेड की.
कार्यक्रम में पीसीएंडपीएनडीटी एक्ट पर सत्र आयोजित कर महिलाओं को जागरूक किया गया. शिशु गृह के बच्चों ने कविता पाठ किया और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलाई.
हिन्दुस्थान समाचार