शिमला: शिमला शहर में 10 माह पहले नाले में मिले एक युवक की संदिग्ध मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. मृतक गोविंद के पिता भूप राम की शिकायत पर 10 माह बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है. भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 379 (चोरी) के तहत यह मामला शहर के सदर थाने मेंं दर्ज किया गया है.
मामले के अनुसार मृतक गोविंद शिमला जिले के सुन्नी क्षेत्र के दुर्गापुर गांव का निवासी था. वह 21 मार्च 2024 को शिमला के लिए घर से निकला था. लेकिन कभी वापस नहीं लौटा. कुछ दिनों बाद परिवार को सूचना मिली कि गोविंद का शव शिमला शहर में शांकली नाला के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है.
पिता भूप राम का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है. भूप राम ने बताया कि गोविंद के साथ अंतिम बार पवन नाम के व्यक्ति को देखा गया था. भूप राम का कहना है कि पवन ने पहले गोविंद को शराब पिलाई और फिर उसे जान से मारने की साजिश रची. उनका आरोप है कि पवन ने गोविंद पर हमला भी किया और उसे नाले में फेंक दिया.
पुलिस की शुरुआती जांच से असंतुष्ट पिता भूप राम ने अपने स्तर पर मामले की तहकीकात शुरू की. उन्होंने पाया कि उनके बेटे के पास से उसका मोबाइल फोन और नकदी गायब थी. भूप राम का कहना है कि इन सब सबूतों के बावजूद पुलिस ने समय पर उचित कार्रवाई नहीं की.
परिवार के निरंतर दबाव और सबूतों के आधार पर आखिरकार नौ माह बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया.
शिमला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिन तथ्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनकी गहनता से जांच की जाएगी. बहरहाल भूप राम और उनका परिवार अब न्याय की उम्मीद कर रहा है. भूप राम ने भरोसा जताया है कि कानून के माध्यम से उनके बेटे को न्याय मिलेगा.
हिन्दुस्थान समाचार