शिमला: बाबा बालक नाथ मंदिर दियोट सिद्ध न्यास के कर्मचारियों की लंबित पेंशन की मांग पूरी कर दी गई है, जिससे न्यास के 200 से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे. यह निर्णय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो अब तक पेंशन से वंचित थे. इसके अतिरिक्त चकमोह में दो डिग्री कॉलेज, एक सीसे स्कूल और एक मॉडल स्कूल भी चलाए जा रहे हैं जिनके कर्मचारी भी अब पेंशन के हकदार होंगे.
मुख्य आयुक्त और सचिव, भाषा एवं संस्कृति विभाग ने बाबा बालक नाथ मंदिर दियोट सिद्ध के कर्मचारियों के कल्याण निधि के नियमों को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के तहत यह निर्धारित किया गया है कि कर्मचारी कल्याण निधि पर होने वाला सारा खर्च मंदिर न्यास अपने संसाधनों से वहन करेगा और राज्य सरकार पर इस खर्च की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस लंबित पेंशन की मांग को पूरा कर एक बार फिर साबित किया कि वह कर्मचारियों के हितों के प्रति संवेदनशील और प्रतिबद्ध हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद जब उन्हाेंने पहली बार सिद्धपीठ की पवित्र गुफा में पधारे थे, तब प्रधान धर्मस्थल कर्मचारी संघ दियोट सिद्ध विजय लखनपाल के नेतृत्व में कर्मचारियों ने उनसे पेंशन की लंबित मांग रखी थी. मुख्यमंत्री ने तत्काल इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कर्मचारियों से किया वादा पूरा किया.
विजय लखनपाल ने कहा कि न्यास के समस्त कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कोटी-कोटी धन्यवाद दिया है और अब वे अपना जीवन स्वाभिमान से जी सकेंगे. उन्होंने उन न्यास प्रशासन और न्यासियों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस प्रमुख मांग को पूरा करवाने में अपना सहयोग दिया.
इसके अलावा न्यास के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों ने भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है. विशेष रूप से, सुभाष ढटवालिया जो वर्तमान में न्यास के न्यासी हैं और पूर्व में बड़सर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे हैं, का भी धन्यवाद किया गया है. लखनपाल ने कहा कि सुभाष ढटवालिया ने मुख्यमंत्री के सामने कर्मचारियों की मांग को मजबूती से रखा और इसे पूरा करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
न्यास के कर्मचारी शीघ्र ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेंगे और उन्हें सम्मानित भी करेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार