प्रवासी भारतीय दिवस भारत में हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत के विकास में प्रवासी भारतियों के योगदान को चिन्हित करना है. प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर विदेशों में उपलब्धियां हासिल करने वाले भारतीयों को सम्मानित किया जाता है. यह दिवस विश्व स्तर को प्रवासियों को हिन्दुस्तान से जोड़ने का एक माध्यम है साथ ही वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृतिक और पहचान को मजबूत करता है.
इस अवसर पर भारत सरकार, प्रवासी भारतियों के सम्मान के लिए सम्मेलन और कार्यक्रम का आयोजन करती है. इस साल 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में राज्य सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. यह सम्मेलन 8 से 10 जनवरी के बीच आयोजित किया जाएगा. इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. तो वहीं 10 जनवरी को राट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी.
इस बार प्रवासी भारतीय दिवस की थीम विकसित भारत के लिए प्रवासी भारतीयों का योगदान रखी गई है. वहीं 50 से ज्यादा देशों में रह रहे भारतीयों ने सम्मेलन में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
दरअसल, इस दिवस को मनाने का कनेक्शन राष्ट्रपित महात्मा गांधी से है. साल 1915 में आज ही के दिन 9 जनवरी को महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका से वापस आए थे. इसके बाद उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कियागांधी जी ने सत्या और अहिंसा का मार्ग चुना और सत्याग्रह और असहयोग आंदोलनों से अंग्रेजी सरकार की नींव हिला दी. इसलिए यह दिन खास महत्व रखता है.
बता दें साल 2003 में प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरूआत हुई थी लेकिन उस समय के दौरान यह हर साल नहीं मनाया जाता था. साल 2015 में इस दिवस को साल में दो बार मनाने का फैसला लिया गया. लेकिन साल 2023 से प्रवासी भारतीय दिवस हर साल मनाया जाता है.
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