शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार दूध के लाभकारी मूल्य प्रदान कर रही है तथा इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है. दूध खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है और अब प्रायोगिक आधार पर आठ से 10 समितियों में दूध खरीद का कार्य डिजिटल माध्यम से शुरू किया जाएगा.
मुख्यमंत्री पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसानों से गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है. इस क्रम को जारी रखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए बजट 2025-26 में भी अनेक पहल की जाएंगी.
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार 161.52 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में छः नए दुग्ध अभिशीतन संयंत्र और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने जा रही है. जिला कांगड़ा के ढगवार में एक अत्याधुनिक पूर्ण स्वचालित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है, जिसकी प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता होगी, जिसे बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन किया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि यह संयंत्र मार्च 2026 में क्रियाशील हो जाएगा जिससे कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और अन्य पड़ोसी जिलों के दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि अभी तक इस संयंत्र का 10 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. उन्होंने इन सभी परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण दूध के उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और मौसम के आधार पर किसानों से दूध की उपलब्धता के बारे में अध्ययन करने के निर्देश दिए.
उन्होंने अधिकारियों को उच्च तकनीक का समावेश करने के निर्देश दिए ताकि किसानों को उनके उत्पाद के अधिकतम लाभ सुनिश्चित हो सकें.
उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर दूध का परीक्षण करने तथा वेब और मोबाइल इंटरफेस के साथ वास्तविक समय डेटा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने दूध के कुशल परिवहन के लिए जीपीएस सक्षम रूट ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसानों के अथक परिश्रम को ध्यान में रखते हुए उनके उत्पाद को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए हिमाचली डेयरी उत्पादों का अलग से विपणन सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
सुक्खू ने कहा कि किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए दूध की खरीद राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी तथा संग्रहण डेटा, मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण के बारे में विवरण एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण से दूध खरीद में सुगमता और इसका निर्बाध संचालन सुनिश्चित होगा. यह प्रणाली दूध खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशुपालकों को पशुधन की देखभाल के बारे में शिक्षित किया जाए और किसानों को सहायता के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित की जाए.
हिन्दुस्थान समाचार
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