शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में भुभूजोत सुरंग के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. रक्षा मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भुभूजोत सुरंग, घटासनी-शिल्हा-भुभूजोत-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ सामरिक महत्व की परियोजना के रूप में नामित करने की अनुशंसा की है.
रक्षा मंत्रालय ने पत्राचार के माध्यम से इस राजमार्ग और सुरंग के महत्व को इंगित करते हुए बताया कि यह राजमार्ग लेह-लद्दाख के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे दुर्गम क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को विभिन्न प्रकार की संवेदनशील गतिविधियों के सफलतापूर्वक संचालन में सहायता मिलेगी. सामरिक महत्व के साथ-साथ इस सुरंग से क्षेत्र को पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलेगा और इस दृष्टि से परियोजना के लिए बजटीय प्रावधान किए जाएंगे.
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भुभूजोत सुरंग परियोजना के लिए राज्य सरकार के पक्ष को मजबूती से केन्द्र के समक्ष रखा था. उन्होंने 25 अक्तूबर, 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से व्यक्तिगत रूप से भेंटकर इस परियोजना को प्राथमिकता प्रदान करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष भी रखा गया था. इस सुरंग का निर्माण राज्य के विकास के लिए मील पत्थर साबित होगा.
प्रस्तावित भुभूजोत सुरंग के निर्माण से कांगड़ा और कुल्लू के बीच की दूरी लगभग 50 किलोमीटर से कम हो जाएगी. जिससे स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. सुरंग के बनने से लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी. राज्य सरकार प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने की दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है और पर्यावरण संरक्षण तथा सतत् विकास को को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में सुरंगों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: Himachal Winter Session 2024: संस्थान बंद करने पर हंगामा, नारेबाजी करते हुए विपक्ष का सदन से वाकआउट