शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने मंत्रियों और विधायकों को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर क्लीन चिट दी है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर दो दिनों तक हुई चर्चा के जवाब में कहा कि कांग्रेस के एक भी विधायक अथवा मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने जवाब के बीच ही पहले सदन में हंगामा किया और फिर पूरे विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने स्पष्टवादिता से फैसले लिए हैं और आगे भी सरकार इसी तरह फैसले लेगी. उन्होंने कहा कि जहां प्रदेश का हित नहीं होगा, वहां सरकार कोई समझौता नहीं करेगी. उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों से कहा कि सदन में ठेकेदारों की लड़ाई लड़ना ठीक नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में सारा भूमाफिया भाजपा का है. उन्होंने कहा कि सरकार न तो प्रदेश की संपदा को लूटने देगी और न ही लुटाने देगी. जहां भी हमें भ्रष्टाचार के सबूत मिलेंगे, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.
सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले दिन से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है. उन्होंने कहा कि नादौन में 80 कनाल जमीन बेचे जाने संबंधी विवाद पर कहा कि यह जमीन भाजपा कार्यकर्ताओं की है और पार्टी की अंतर्कलह के कारण भाजपा उन्हें फंसाना चाह रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आई है. उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस सरकार को समय-समय पर षड्यंत्र रचकर अस्थिर करने का आरोप लगाया. सुक्खू ने कहा कि भाजपा की जिस वाशिंग मशीन में धुलकर सभी भ्रष्टाचारी आरोप मुक्त हो जाते हैं, वह भी उसी मशीन को खरीद रहे हैं. उन्होंने भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन का भी जिक्र किया और कहा कि भाजपा ने अपने पूर्व के आरोप पत्र में उन पर राज्य सहकारी बैंक में गड़बड़ियों का आरोप लगाया था और आज वही हर्ष महाजन भाजपा की वाशिंग मशीन में धुलकर बेदाग हो चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने भाजपा के कच्चे चिट्ठे को उसकी आंतरिक कलह का सबसे बड़ा सबूत करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कच्चा चिट्ठा वास्तव में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वह अपनी कुर्सी संभाले, हमारी कुर्सी तो पहले ही पक्की हो चुकी है.
मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में जब आबकारी नीति और शराब के ठेकों की नीलामी से एक ही साल में 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का जिक्र किया तो पूरा विपक्ष पहले अपनी सीटों पर खड़ा होकर हंगामा करने लगा और कुछ ही देर की नारेबाजी तथा शोरगुल के बाद पूरा विपक्ष नारे लगाते हुए सदन से बाहर चला गया.
हिन्दुस्थान समाचार