शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का बुधवार काे हंगामेदार शुरूआत हुई. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार के दो साल के कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार और घोटालों पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की. इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने पर सहमति जताई.
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भाजपा सदस्यों रणधीर शर्मा, बलबीर सिंह वर्मा और सुरेंद्र शौरी की ओर से पिछले दो साल में घोटालों व भ्रष्टाचार से सम्बंधित विषय पर स्थनग प्रस्ताव दिया गया है. लेकिन प्रस्ताव में भ्रष्टाचार को लेकर कोई रिकार्ड नहीं दर्शाया गया है. यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मंजूर किया गया और सदन की सभी विधायी कार्यों को रोककर इस पर चर्चा शुरू कर दी गई.
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने चर्चा की शुरुआत करते हुए सत्ता पक्ष को कटघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगाए. रणधीर शर्मा ने अपने संबोधन में राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने शराब घोटाला और कई अन्य विभागों में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ने अपने चेहते अधिकारियों और नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया है. उन्होंने सरकार से इन घोटालों की जांच करवाने की मांग की.
इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा विधायक की ओर से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो उनका प्रमाण भी दें और इन आरोपों की सत्यता बारे दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाएं. दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
हिन्दुस्थान समाचार