धर्मशाला: नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला पंहुचते ही सुक्खू सरकार पर खासकर गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार की मनमानी नहीं चलेगी. जब जो मन में आए उसे पॉलिसी बनाकर प्रदेश के ऊपर नहीं थोपा जा सकता.
जय राम ठाकुर ने यहां से जारी एक बयान में कहा कि सरकार अपनी तानाशाही से बाज आए और अपने वादे के मुताबिक गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस ले. सुक्खू सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी न सिर्फ युवाओं बल्कि छात्रों के लिए भी घातक है. सरकार ने जो वादा किया था वह निभाए और युवाओं को पक्की नौकरी दे. अब तक सरकार के नुमाइंदों द्वारा विभिन्न प्लेटफार्म पर गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर जिस तरीके की बातें की गई है उससे यह स्पष्ट है कि यह पॉलिसी एक बार फिर से पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की किरकिरी कराएगा. इसलिए अभी समय है सरकार बिना प्रदेश की किरकिरी करवाए युवाओं के भविष्य विरोधी, छात्रों की शिक्षा विरोधी और प्रदेश की छवि खराब करने वाली पॉलिसी को वापस ले.
जयराम ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री भले ही इस पॉलिसी का गुणगान करें. प्रदेश में घूम-घूम कर इसे अपनी उपलब्धि और मास्टर स्ट्रोक बताएं लेकिन यह पॉलिसी सुक्खू सरकार द्वारा अब तक उठाए गए सभी जन विरोधी कदमों में सबसे बड़ा कदम है. जो युवाओं के वर्तमान के साथ-साथ नौनिहालों का भविष्य भी खराब करेगा. अगर यह पॉलिसी इतनी ही कारगर और जनहितकारी होती तो इस पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के लोग सड़कों पर नहीं होते. इस पॉलिसी के विरोध में छात्रों के अभिभावक सड़कों पर नहीं होते. पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के युवा सड़कों पर नहीं होते. पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के छात्र संगठन, सामाजिक संगठन सड़कों पर नहीं होते. 75 लाख की आबादी में से हिमाचल के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा प्रदेश का एक भी व्यक्ति ने यदि इस पॉलिसी की प्रशंसा की हो तो सरकार बताएं. सुक्खू सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी किसी भी स्थिति में स्वीकार करने योग्य नहीं है.
जन आक्रोश रैली में भी उठेगा यह मुद्दा
धर्मशाला में शीत सत्र के पहले दिन विपक्ष सुक्खू सरकार को सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह घेरने के लिए तैयार बैठा है. विपक्ष द्वारा सुक्खू सरकार के दो साल के कार्यकाल के साथ ही गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर भी हमला बोला जाएगा. इस दौरान प्रदेश भाजपा का शीर्ष नेतृत्व विधानसभा भवन के समीप जोरावर स्टेडियम में सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार बैठा है. रैली को सफल बनाने के लिये मुख्य रूप से स्थानीय विधायक सुधीर शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: हिमाचल में नए साल से इन अफसरों को नहीं मिलेगी बिजली पर सब्सिडी