शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है जिसके तहत प्रदेश के सरकारी अफसरों को नए साल से बिजली पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी. यह निर्णय प्रदेश सरकार के वित्तीय सुधारों के हिस्से के रूप में लिया गया है. जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया जा सके. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया.
ग्रेड-1 और ग्रेड-2 अधिकारियों को नहीं मिलेगी बिजली सब्सिडी
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बैठक के दौरान ऐलान किया कि 1 जनवरी 2025 से प्रदेश सरकार के ग्रेड-1 और ग्रेड-2 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बिजली सब्सिडी नहीं दी जाएगी. इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत बोर्ड की वित्तीय स्थिति को सशक्त करना है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत बोर्ड के सुधार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और यह कदम उसी दिशा में उठाया गया है.
प्रदेश सरकार ने विद्युत दरों में युक्तिकरण किया, 500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने हाल ही में उद्योग और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों में युक्तिकरण किया है, जिससे लगभग 500 करोड़ रुपये की वार्षिक अतिरिक्त आय सुनिश्चित हुई है. यह कदम प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और विद्युत बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार के उद्देश्य से उठाया गया है.
विद्युत बोर्ड के लिए 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कॉरप्स फंड
सुक्खू ने यह भी घोषणा की कि प्रदेश सरकार विद्युत बोर्ड के लिए 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कॉरप्स फंड प्रदान करेगी. यह कदम बोर्ड की वित्तीय स्थिति को और भी मजबूत करने के लिए उठाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बोर्ड के कार्यों में नवोन्मेषी उपायों का समावेश करें, ताकि विद्युत सेवा में सुधार और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
नवीन भर्तियों और युक्तिकरण से सुधार की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए नवोन्मेषी उपायों को लागू करें. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि विद्युत बोर्ड में लाइनमैन और टी-मेट की भर्तियां की जाएंगी, ताकि फील्ड स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके. फील्ड स्टाफ की सही तैनाती से विद्युत आपूर्ति सेवा में गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाएगी.
सरकार ने धनाढ्य उपभोक्ताओं को दी जा रही सब्सिडी बंद की
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस साल जुलाई में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया था कि राज्य के धनाढ्य उपभोक्ताओं को दी जा रही बिजली सब्सिडी को समाप्त किया जाएगा. इस निर्णय का उद्देश्य राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों का सही उपयोग करना और सब्सिडी का लाभ जरूरतमंद उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है.
एक परिवार-एक मीटर नीति के तहत सस्ती बिजली
प्रदेश सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में यह भी तय किया कि सस्ती बिजली केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को दी जाएगी, जो एक परिवार-एक मीटर नीति के तहत अपने विद्युत कनेक्शन का उपयोग करेंगे. इसके तहत 300 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाएगी, जबकि 300 यूनिट से अधिक खपत करने पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए वित्तीय अनुशासन पर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य के वित्तीय संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करें और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी भूमिका निभाएं.
हिन्दुस्थान समाचार